Friday, March 31, 2023

gandhi 150th birthday

मशीन और पूंजी के नहीं श्रम के पक्षधर थे गांधी

अहिंसा महात्मा को सिर्फ बीती सदी तक ही सीमित करना, उनके साथ न्याय करना नहीं होगा। यह सही है, उनका कर्म रंग मंच 19वीं और 20वीं सदी रही हैं। लेकिन वे किसी राष्ट्र या भूभाग या नस्ल के...

गांधी:भारतीय समाज की स्पष्ट समझ और परख

यदि मैं मार्क्सवादी भाषा में कहूं तो उस समय का मुख्य अंतर्विरोध था साम्राज़्यवाद और उसकी दासता से आज़ादी उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के मध्य तक यह अंतर्विरोध प्रमुख बना रहा। गांधी जी अपनी दृष्टि, आस्था...

परिवर्तनशील, प्रयोगधर्मी व निरंतरता के गांधी

जब यह फ्रेम गांधी जी के लिए है ही नहीं तब क्यों उनकी प्रासंगिकता पर चिंतन किया जाए। ऐसा चिंतन फिजूल की क़वायद ही होगी।यह सही है, कोई भी नायक-महानायक अपने, चिंतन, विचारधारा और क्रिया में समय-समाज सापेक्ष होते हैं।...

आज और कल के दौर में गांधी

सर्व प्रथम यह सपष्ट कर दूं, मैं गांधीवादी या गांधी अनुयाई नहीं हूं। पचास साल पहले जब थोड़ी बहुत राजनीतिक या विचारधारात्मक चेतना मुझमें आयी थी तब मैंने महात्मा गांधी के विचारों और कार्यशैली की आलोचना की...

गांधीमार्ग से संभव है वैश्विक समस्याओं का समाधान : राधा बहन भट्ट

बा-बापू की 150 वीं जयंती वर्ष पर देश-विदेश में विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज और आकाशवाणी के संयुक्त तत्वाधान में “महात्मा गांधी का जीवन दर्शन और युवा” विषय पर एक राष्ट्रीय...

Latest News

मनरेगा को मारने की मोदी सरकार की साजिशों के खिलाफ खेग्रामस करेगा देशव्यापी आंदोलन, 600 रु दैनिक मजदूरी की मांग

पटना 30 मार्च 2023। अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के उपरांत...