‘हिमालय दलित है’ मोहन मुक्त का पहला कविता संग्रह है। संग्रह की कविताएं धधकते लावे की तरह हैं। यहां तक कि कवि की प्रेम कविताओं से भी एक आंच निकलती है। ऐसे लगता है कि कवि किसी ज्वालामुखी के...
यूं तो पूरा हिमालयी क्षेत्र ही संवेदनशील है। हिमालय भू गर्भिक तौर पर सबसे नए बने पर्वत हैं और अब भी निरन्तर बनने की प्रक्रिया में हैं। जिससे हिमालय की नाजुकता दुनिया के अन्य पर्वतों की अपेक्षा ज्यादा है।...
सरकारों द्वारा किसानी, बागवानी और परम्परागत धंधों को मदद करने के बजाए पर्यटन के विस्तार पहाड़ में आर्थिक असंतुलन बढ़ रहा और पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिससे पहाड़ के लोगों में भारी आक्रोश देखने को...
अपने पुरखों से विरासत में मिली जमीनों को बाहरी जमीनखोरों से बचाने के लिये कुछ अन्य हिमालयी राज्यों की तरह विशिष्ट कानूनी प्रावधानों की मांग को लेकर उत्तराखण्ड में एक और जनान्दोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। पहाड़वासियों...
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बीते दो हफ़्तों स्कॉटलैंड के ग्लासगो में चला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन COP26 अब ख़त्म हो गया है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सम्मेलन में पहुंच कर भारत की तरफ़ से इस चुनौती से निपटने के...
·बाबु हाम्रो राजा लाय परिवार सहित मारियो कसैलाय जीवित छोरे न तिम्रो पनि राजा लाय मारियो तर तिम्रो राजाका संतान र रानी त जीवित छ। तर हामरा राजाका वंश सखाप पारियों
एक जून 2001 को रात्रि भोजन के दौरान नेपाल...
सुंदरलाल बहुगुणा के देह त्यागने के साथ ही आज जैसे एक हिमयुग का अंत हो गया। लेकिन वास्तव में देह तो उन्होंने दशकों पहले तब ही त्याग दी थी जब हिमालय और नदियों की अक्षुण्णता बनाए रखने और बांधों...
यूं तो पहाड़ में ही पैदा हुआ, पहाड़ से बाहर रहने की अवधि को, पहाड़ में रहने की अवधि ने पीछे छोड़ दिया है और पहाड़ में ही राजनीतिक-सामाजिक सक्रियता भी है। इसी सक्रियता में खूब पहाड़ चढ़ना-उतरना भी...