हिंदी साहित्य को अनेक साहित्यकारों ने अपने लेखन से समृद्ध किया है, लेकिन उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो…
रंज यही है बुद्धिजीवियों को भी कि राहत के जाने का इतना ग़म क्यों है!
अपनी विद्वता के ‘आइवरी टावर्स’ में बैठे कवि-बुद्धिजीवी जो भी समझें, पर सच यही है, इत्ते बड़े मुल्क में, एक…
जयंती पर विशेष: नामवर थे, नामवर सिंह
हिन्दी साहित्य के आकाश में नामवर सिंह उन नक्षत्रों में से एक हैं, जिनकी विद्वता का कोई सानी नहीं था।…
जन्मदिन पर विशेष: हिन्दी साहित्य के ठहरे जल में तूफ़ान लाने वाले ओमप्रकाश वाल्मीकि
(जानी-मानी लेखिका और सोशल एक्टिविस्ट अनिता भारती ने यह लेख मशहूर हिन्दी लेखक-विचारक और हिन्दी में दलित साहित्य के प्रमुख…
कोविड 19 : हिंदी पट्टी में कोई सवाल क्याें नहीं है?
फरवरी, 2020 में जब अखबारों में दुनिया में एक नए वायरस के फैलने की सूचना आने लगी और मेरे सहकर्मियों…
पत्रकारिता दिवस के स्मरण का मतलब
आज हिंदी पत्रकारिता 194 वर्ष पुरानी हो गई। 30 मई 1826 को कलकत्ते से हिंदी के पहले साप्ताहिक अखबार `उदंत…
हिंदी अख़बार क्यों हो जाते हैं शरजील इमाम केस में भड़काऊ?
शरजील इमाम के केस को कवर करते समय हिंदी के अख़बारों ने फिर पत्रकारिता के उसूलों के साथ समझौता किया…
सबसे मीठी, लेकिन बेहद गुस्सैल जुबान है उर्दू : संजीव सराफ
उर्दू पर दिल्ली में होने वाला सालाना जलसा जश्न-ए-रेख्ता पिछले दिनों भारी भीड़ के साथ संपन्न हुआ। एक भाषा को…
हिंदी के विभिन्न पक्षों पर विचार-विमर्श के लिए 9-11 जनवरी को दिल्ली में होगा हिंदी सेवियों का अंतरराष्ट्रीय जमावड़ा
नई दिल्ली। दिल्ली में 9-11 जनवरी को ‘हिंदी:वैश्विक परिदृश्य-भाषा, साहित्य और अनुवाद’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हो रहा…
डीयू में बेचैन की हिंदी के विभागाध्यक्ष पद पर नियुक्ति रोक कर की जा रही है सामाजिक न्याय की सांस्थानिक हत्या
(विगत कुछ दिनों से मैं लगातार डीयू के हिन्दी विभाग में नए विभागाध्यक्ष (हेड ऑफ डिपार्टमेन्ट- HoD) की नियुक्ति को…