हिन्दी राष्ट्रवाद: ग़लत हाथों में पड़ कर हिन्दी इस हाल में पहुंच गयी है
हिन्दी के आज के संकट को समझने के लिए आलोक राय की किताब ‘हिन्दी राष्ट्रवाद’ एक बहुत जरूरी किताब है। यह उनकी सन् 2000 में [more…]
हिन्दी के आज के संकट को समझने के लिए आलोक राय की किताब ‘हिन्दी राष्ट्रवाद’ एक बहुत जरूरी किताब है। यह उनकी सन् 2000 में [more…]
दिल्ली में दिनांक 10.2.24 से 18.2.24 तक हुए विश्व पुस्तक मेले का समापन हो गया है। कवि-लेखक और प्रकाशक आलोक श्रीवास्तव अपनी फेसबुक वॉल पर [more…]
उत्तर भारत के हिंदी क्षेत्र को लेकर यह धारणा बनी हुई है कि जहां हिंदी पट्टी ने स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई, वहीं [more…]
हिन्दी रंगमंच की दुनिया में दिनेश ठाकुर की पहचान रंगकर्मी, अभिनेता और नाट्य ग्रुप ‘अंक’ के संस्थापक और निर्देशक के तौर पर है। ‘अंक’ का [more…]
हिंदी साहित्य और आलोचना को समृद्ध करने में लगे मनीषी निरंतर यह प्रयास करते रहते हैं कि देश और दुनिया में जो कुछ भी नया [more…]
डॉ.परमानंद सिंह यानी पीएन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके जाने से सचमुच शदीद रंज-ओ-मलाल है। वे आला मार्क्सवादी नक़्क़ाद और बेहद ज़हीन दानिशवर [more…]
समूचे पूर्वोत्तर ने इस क्षेत्र पर हिंदी को “थोपने” के केंद्र के कदम के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह [more…]
हिंदी पट्टी में राजनीतिक वर्चस्व भारत की केंद्रीय सत्ता पर राजनीतिक वर्चस्व का रास्ता खोलता है। हिंदी पट्टी की घनी जनसंख्या और भारत में जनसंख्या [more…]
यह एक विडंबना है कि हिंदी पट्टी के लोग भारत की संस्कृति और भाषा का दायरा बस उतना ही मानते हैं जहां तक उन भाषाओं [more…]
सोशल मीडिया पर हिंदी के लेखकों और प्रकाशकों के बीच संबंध के बारे में अभी जो बहस उठी है, वह जितनी दिलचस्प है, उतनी ही [more…]