हाथरस दलित पीड़िता केस में सरकार ने फुलप्रूफ इंतज़ाम करते हुए कांस्पीरेसी थियरी लांच कर दी है। कुछ प्रोपगंडा चैनल…
गोदी मीडिया से नहीं सोशल प्लेटफार्म से परेशान है केंद्र सरकार
विगत दिनों सुदर्शन न्यूज़ चैनल पर ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से मीडिया…
पुलिस के साथ राग दरबारी गा रहे हैं ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट!
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा है कि ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को अपने दिमाग लगाने की…
खबरों पर पहरा और सीमा घुसपैठ पर चुप्पी
अगर इस चीनी आक्रमण और हमारे 20 सैनिकों की शहादत के लिये कांग्रेस का सीपीसी के साथ 2008 का एमओयू…
झारखंड में ‘प्रभात खबर’ और ‘हिंदुस्तान’ ने पत्रकारिता को बेच खाया है!
क्या झारखंड में ‘प्रभात खबर’ और ‘हिन्दुस्तान’ अखबार सीआरपीएफ से डरते हैं? सवाल थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन जब आप…
क्यों पत्रकारिता के भीष्म पितामह हैं विनोद दुआ?
विनोद दुआ को पत्रकारिता का भीष्म पितामह कहे जाने पर प्रतिक्रियाएं लगातार मिली हैं। असहमति के सुर अधिक मुखर हैं।…
क्या विनोद दुआ ‘राष्ट्र के लिए खतरा’ हैं?
आदरणीय विनोद दुआ पत्रकारिता जगत के भीष्म पितामह हैं। देश और पत्रकारिता के लिए उनका समर्पण, उनकी निष्ठा, उनका त्याग…
पत्रकारिता दिवस के स्मरण का मतलब
आज हिंदी पत्रकारिता 194 वर्ष पुरानी हो गई। 30 मई 1826 को कलकत्ते से हिंदी के पहले साप्ताहिक अखबार `उदंत…
पत्रकारिता नहीं, ट्रोलों की जमात के अगुआ हैं अर्णब
अर्णब की चीखती और शोर मचाने वाली पत्रकारिता की आड़ में सरकार द्वारा जो कुछ भी किया जा रहा है…
हिंदी अख़बार क्यों हो जाते हैं शरजील इमाम केस में भड़काऊ?
शरजील इमाम के केस को कवर करते समय हिंदी के अख़बारों ने फिर पत्रकारिता के उसूलों के साथ समझौता किया…