रिपब्लिक भारत के टीवी डिबेट में पैशाचिक गाली-गलौच की घटना के बाद हाथरस की घटना याद आ रही है। इसलिए…
पार्टी की खिचड़ी और सरकार की तहरी !
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए मकर संक्रांति का त्यौहार बहुत महत्व रखता है। वे गोरखपुर के मठ में विधिवत खिचड़ी…
ढह गया पत्रकारिता का एक मजबूत स्तंभ, नहीं रहे ललित सुरजन
नई दिल्ली। देशबंधु पत्र समूह के प्रधान संपादक ललित सुरजन का निधन हो गया है। कवि और पत्रकार के तौर…
गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंतीः स्वराज के लिए जिये और सांप्रदायिकता से लड़ते दी जान
हिंदी पत्रकारिता में गणेश शंकर विद्यार्थी की हैसियत शिखर पुरुष के तौर पर है, तो वहीं देश के स्वतंत्रता आंदोलन…
सीएए की तरह हाथरस कांड में भी कांस्पीरेसी थियरी लांच, मुस्लिम संगठन और पत्रकार निशाने पर
हाथरस दलित पीड़िता केस में सरकार ने फुलप्रूफ इंतज़ाम करते हुए कांस्पीरेसी थियरी लांच कर दी है। कुछ प्रोपगंडा चैनल…
गोदी मीडिया से नहीं सोशल प्लेटफार्म से परेशान है केंद्र सरकार
विगत दिनों सुदर्शन न्यूज़ चैनल पर ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से मीडिया…
पुलिस के साथ राग दरबारी गा रहे हैं ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट!
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा है कि ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को अपने दिमाग लगाने की…
खबरों पर पहरा और सीमा घुसपैठ पर चुप्पी
अगर इस चीनी आक्रमण और हमारे 20 सैनिकों की शहादत के लिये कांग्रेस का सीपीसी के साथ 2008 का एमओयू…
झारखंड में ‘प्रभात खबर’ और ‘हिंदुस्तान’ ने पत्रकारिता को बेच खाया है!
क्या झारखंड में ‘प्रभात खबर’ और ‘हिन्दुस्तान’ अखबार सीआरपीएफ से डरते हैं? सवाल थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन जब आप…
क्यों पत्रकारिता के भीष्म पितामह हैं विनोद दुआ?
विनोद दुआ को पत्रकारिता का भीष्म पितामह कहे जाने पर प्रतिक्रियाएं लगातार मिली हैं। असहमति के सुर अधिक मुखर हैं।…