Kedarnath Singh
संस्कृति-समाज
एक टांग पर खड़ा बनारस शहर नहीं, समास है: केदारनाथ सिंह की कविता बनारस
कविता में सामान्य मनुष्य, स्थान का उल्लेख तो होता ही रहता है। किसी विशिष्ट या खास व्यक्ति या शहर आदि पर कविता कम ही देखने को मिलती है। सामान्यतः, कविता सामान्य पर होती है। खास पर कविता लिखना थोड़ा...
संस्कृति-समाज
कवि केदारनाथ सिंह होने के मायने
वह एक कविता थे, लंबी सी
इक तस्वीर थे, खूबसूरत सी
वह एक कहानी थे, सुंदर सी
एक शिक्षक थे, बेहतरीन से
एक इंसान थे, उम्दा से
एक नागरिक थे, सजग से
वह एक मुकम्मल व्यक्ति थे
केदारनाथ सिंह की एक कविता है...
लेखक
केदारनाथ सिंह की याद में प्रतिवर्ष “केदारनाथ सिंह स्मृति कविता सम्मान” दिया जाएगा
Janchowk -
वाराणसी। कवि केदारनाथ सिंह की तीसरी पुण्यतिथि की पूर्व संध्या 'क' कला दीर्घा में प्रो. अवधेश प्रधान की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केदारनाथ सिंह की स्मृति में प्रतिवर्ष...
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