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बीच बहस

कुआं ठाकुर का बताने पर लपकते ठाकुर के लठैत

सांसद मनोज झा ने संसद में दिए अपने भाषण में एक कविता क्या पढ़ी, दम्भी जाति श्रेष्ठता के वर्चस्व का इन्द्रासन ही डोल उठा।  जाति [more…]

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बीच बहस

मनोज कुमार झा का लेख: कविता राजनीति की आत्मा है, यह हमेशा से संसद का हिस्सा रही है

भारत की संसद के पवित्र हॉल में, जहां कानून बनाये जाते हैं और नियति को आकार दिया जाता है, हमेशा शब्दों का निर्विवाद प्रभाव रहा [more…]