क्या धर्मनिरपेक्षता भारत की परंपराओं के लिए खतरा है?

भारत को एक लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज से मुक्ति मिली। यह संघर्ष समावेशी और…

जन्मदिन पर विशेष: कांशीराम ने दिया बहुजन राजनीति को आसमानी फलक

कांशीराम (15 मार्च, 1934 से 9 अक्तूबर 2006) संघर्षों के माध्यम से सामाजिक संगठन खड़ा करने की जीती जागती मिसाल…

विचारधारा को पैजामे का नाड़ा समझती है आप

विचारधारा अब दिल्ली के बजट में एक मद भर रह गई है। आप ब्रांड देशभक्ति = 500 तिरंगे +भगत सिंह+…

राजनीति में मध्ययुगीन शब्दावली का प्रयोग और उसके निहितार्थ

एक जुमला चल निकला हैः ‘राजा अहंकारी हो गया है’। दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र में प्रधानमंत्री को यह ‘राजा’…

सियासत या मजबूरी! कांग्रेसी भूपेंद्र हुड्डा के साथ दिखे भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह

मेवात के चर्चित नेता रहे चौधरी खुर्शीद अहमद की पहली बरसी पर उनके विधायक बेटे आफताब अहमद को बुधवार 17…

राजनीति की धमनियों में है युवा खून की दरकार

यदि कोई बीमार है, पचास तरह की बीमारियां हैं, जुकाम से लेकर सारे शरीर में दर्द, दिल भी खराब, जिगर…

पश्चिम बंगालः शोभन और बैशाखी ने थाम ही लिया भाजपा का दामन

कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी और उनकी बहुचर्चित महिला मित्र बैशाखी बैनर्जी ने आखिर भाजपा का दामन…

मोदी-शाह के हाथ से निकल रही है चुनाव की गांगुली डोर!

बीसीसीआई के अध्यक्ष और क्रिकेट की दुनिया के एक सितारा सौरव गांगुली स्वस्थ होकर घर वापस चले गए। दिल का…

फर्स्ट क्लास में टायर की चप्पल यानी खांटी समाजवादी चंचल!

किसी फक्कड़ समाजवादी को देखा है आपने, नहीं देखा है तो चंचल से मिल लीजिये। चित्रकार, पत्रकार, कलाकार और छात्र…

अकाली और जेजेपी: किसान राजनीति के दो अवसरवादी चेहरे

किसान आंदोलन में दो सबसे बड़े अवसरवादी चेहरे सामने आये हैं। ये हैं- पंजाब का अकाली दल और हरियाणा की जननायक…