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संस्कृति-समाज
शहादत दिवस पर विशेष: शहादत देकर जगदेव प्रसाद ने रखी थी बिहार में सामाजिक न्याय की नींव
अपने देश में जितने दार्शनिक हुए, राजनीति विज्ञान के विद्वान हुए। अभी बहुत गहराई में यह बात नहीं बता पाए हैं कि ‘राष्ट्र और देश’ क्या है? क्या दोनों में मौलिक फर्क है? देश को हम लोग अंग्रेजी में...
पहला पन्ना
अल्पसंख्यकों के साथ होगा निष्पक्ष और न्यायपूर्ण व्यवहार: 15 अगस्त, 1947 को मध्य रात्रि की असेंबली बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद
Janchowk -
(15 अगस्त, 1947 की उस चर्चित मध्य रात्रि की बैठक में पंडित जवाहर लाल नेहरू की 'नियति से मुलाकात’ के भाषण का हमेशा जिक्र होता है। वह सचमुच में सदी का भाषण था। और उसके बाद से हर भारतीय...
बीच बहस
हमने कभी नहीं कहा था कि हम सबको सरकारी नौकरी देंगे। हम ये अभी भी नहीं कह रहे हैं: रविशंकर प्रसाद
धीरज रखें। इस पंक्ति को पढ़ते ही अधीर न हों। यह मेरे लेख के सबसे कम
महत्वपूर्ण बातों में से एक है। मगर मंत्री जी प्रभाव को देखते हुए मैंने इसे
हेडलाइन में जगह दी है। मैं अपने इस अपराध के...
बीच बहस
आजादी की लड़ाई के विरोधी और अंग्रेजी हुकूमत के पैरोकार भला कैसे हो सकते हैं देशभक्त
Janchowk -
आज की तारीख में उन क्रांतकारियों की आत्मा रो रही होगी, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उन समाजवादियों की आत्मा भी आहत होगी, जिन्होंने...
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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान
मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...
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