Friday, April 26, 2024

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लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले के खिलाफ हो रहे कन्वेंशन को संघियों ने बीच में रोका

नई दिल्ली। दिल्ली में आयोजित नेशलन कन्वेंशन इन डिफेंस ऑफ डेमोक्रैटिक राइट्स के कन्वेंशन को आज अचानक ही बीच में ही रोक दिया गया। यह काम जिस हाल में कार्यक्रम आयोजित किया गया था उसके प्रबंधनकों ने किया। प्रबंधकों का कहना...

‘चिदंबरम ने कारपोरेट फ़ासिज़्म की ज़मीन तैयार की, मानवाधिकारों को कुचला, सैन्यीकरण की रफ़्तार को तेज़ किया’

प्रख्यात कवि साहित्यकार  असद ज़ैदी ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है  ‘चिदम्बरम अपने बेशतर कारनामों में अकेले नहीं थे। वे उस मशहूर तिकड़ी के सदस्य हैं जिसने सत्ता में रह कर योजनाबद्ध तरीक़े से कारपोरेट फ़ासिज़्म की ज़मीन तैयार की, गणतांत्रिक...

आजादी नहीं ये मोक्ष का द्वार है!

सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। इसे पूरी तरह से देश हित में उठाया गया कदम माना जा सकता है। आज़ादी के बाद इतने सालों में ये दिन देख पाऊंगा इसका अंदाज़ा भला कहां था मुझे! आज धन्य हुई ये...

अहमदाबाद में सम्मेलन कर अल्पसंख्यकों ने लिया लड़ाई का संकल्प

अहमदाबाद। गुरुवार को गुजरात की राजधानी गांधी नगर में माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी संस्था द्वारा अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें राज्य के सभी दलों को न्योता भेजा गया था। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सम्मेलन में न तो कोई...

भारत में एक शानदार बौद्धिक प्रतिरोध की शुरुआत हो चुकी है: अरुंधति रॉय

(लंदन से प्रकाशित दि गार्जियन में छपा मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय का यह साक्षात्कार गैरी यौंग ने लिया है। अंग्रेजी में प्रकाशित इस इंटरव्यू का हिंदी में अनुवाद रविंद्र सिंह पटवाल ने किया है। पेश है पूरा साक्षात्कार- संपादक) गैरी...

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‎केवल सात सेकेंड की शक्ति से झूठ-सच के अदल-बदल का खेल खत्म हो ‎सकता है! 

अब 2024 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर मजबूत सरकार का मुद्दा बहुत मजबूती से उठाया...