जन गीतकार एक ऐसा ख़िताब है, जो हिन्दी में बहुत कम गीतकारों को नसीब हुआ है। जब तक गीत जनता के जज़्बात से न जुड़ें, उन्हें वे अपने दिल की आवाज़ न लगें, यह मंज़िल आना बेहद मुश्किल है।...
(हिंदी फ़िल्मों के प्रख्यात गीतकार शैलेंद्र का जन्म 30 अगस्त, 1923 को हुआ था और यह वर्ष उनका शतब्दी वर्ष है। हिंदी सिनेमा में प्रगतिशील और लोक चेतना की जैसी उत्कृष्ट अभिव्यक्ति उनके गीतों में हुई है, वैसी किसी...
विगत चार दशकों से हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में अपनी प्रभावी और गरिमापूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने वाले जुझारू एवं प्रखर साहित्यकार शैलेन्द्र चौहान के कृतित्व के मूल्यांकन को समेटती पुस्तक 'वसंत के हरकारे- कवि शैलेन्द्र चौहान' मेरे सामने...
शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान 2021 में बोलते हुए अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की महासचिव मरियम ढवले ने उदारीकरण के दौर में आमतौर से और मोदी राज में खासतौर से महिलाओं की स्थिति भयावह रूप से खराब होने की बात...
शैलेंद्र चौहान बुनियादी तौर पर कवि हैं उन्होंने कुछ कहानियां और एक उपन्यास भी लिखा है। लघु पत्रिका ‘धरती’ का एक लंबे अंतराल तक संपादन भी किया है। आलोचनात्मक आलेख और किताबों की समीक्षा गाहे-बगाहे लिखते रहे हैं। आठवें दशक से...
भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने देश को कई शानदार कलाकार, गीतकार और निर्देशक दिए। शैलेंद्र भी ऐसे ही एक गीतकार हैं, जिनकी पैदाइश इप्टा से हुई। इप्टा ने उन्हें नाम-शोहरत दी और इसके जरिए ही वे फिल्मी दुनिया...