भारतीय गणराज्य के सफ़र में कुछ राष्ट्रीय चुनाव मील के पत्थर साबित हुए हैं। आज़ाद भारत के 1951-52 के पहले चुनावों ने व्यापक तौर पर संशयी दुनिया के सामने भारतीय जनता की चुनावी लोकतन्त्र के प्रति प्रतिबद्धता और क्षमता को स्थापित किया। 1977 में भारत की जनता ने संवैधानिक आज़ादी [more ...]
इस साल अप्रैल महीने में तुर्की में चल रही पुरातात्विक गतिविधियों के दौरान लगभग 30 हजार हित्ताइट भाषा की प्लेटें मिलीं। यह तुर्की के कालासागर क्षेत्र गार्ज फोट्रेस इलाके में मिला है। यह एक बेहद पुराना बसा हुआ इलाका है और जहां इतिहास की परतें एक दूसरे के ऊपर चढ़ी [more ...]
पूंजीवाद के उदय के लगभग तुरंत बाद से ब्रिटिश पत्रिका द इकॉनमिस्ट उदारवाद (Liberalism) का मुखपत्र रही है। इसके विचार और पूंजीवाद के विकासक्रम में हमेशा एक तालमेल रहा है। जब उभर रहा बुर्जुआ वर्ग (आज के अर्थ में पूंजीपति) सामंती शिकंजे से मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहा था, [more ...]
चौथे चरण के मतदान तक आते-आते अब 2024 के चुनाव ने साफ़ दिशा पकड़ ली है। मोदी और बीजेपी ने सोचा था कि वे अपने प्रचार तंत्र के बूते इस चुनाव को ‘जीत गये, जीत गये’ के महज एक शोर में बदल कर वैसे ही लूट ले जायेंगे, जैसे पुलवामा और [more ...]
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पीडिया गांव में सुरक्षा बलों के साथ कथित मुठभेड़ में 12 माओवादियों के मारे जाने पर अब सवाल उठने लगे हैं। यह सवाल...
स्मृतियों में गांव का निवास हमेशा ही रहा। कभी इसका विस्थापन नहीं हुआ। मेरा भौगोलिक विस्थापन ज़रूर हुआ था। पांचवें दशक के मध्य में गांव बसवा छूटा था। तब इसमें कोई सात...
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत एक मामले के संबंध में न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी...
अब लगभग तय हो चुका है कि इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A - इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इनक्लुसिव अलायंस) अपना अर्थ खो चुका है या खोने के कगार तक पहुंच गया है। इस परिस्थिति के लिए जवाबदेही तय करने की जल्दबाजी में गंभीर लोग लगे हैं। जवाबदेह किसे ठहराया जाये? हमारी जानकारी में...
विवादास्पद बन गया है 22 जनवरी 2024 को आयोजित राम मंदिर के उद्घाटन का कार्यक्रम। विवाद का कारण इस कार्यक्रम के आयोजन के पीछे की मंशा है। इस आयोजन का मकसद धर्म के नाम पर या धर्म की आड़ में अधर्म को छिपाने का है। क्या है धर्म और क्या...
आज से 26 साल पहले 12 जनवरी 1998 को मुलताई किसान आंदोलन पर पुलिस गोलीचालन किया गया था जिसमें 24 किसान शहीद हुए थे, 150 किसानों को गोली लगी थी। किसान आंदोलन की शुरुआत परमंडल के किसानों द्वारा अतिवृष्टि, ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग संबंधी ज्ञापन...
मीडिया में राम मंदिर का स्वर्ण द्वार देखकर किसका मन हुलसित नहीं होगा! मीडिया में एक खबर यह भी चल रही है कि कुछ प्रमुख धर्मगुरुओं ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के मंदिर में होने वाले भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में अपने शामिल होने की संभावना से...
नई दिल्ली। यह पुस्तक अपने शीर्षक में ‘भारत के आर्थिक भविष्य की पुनःकल्पना’ की बात करती है। जाहिर है, जो चल रहा है उससे लेखक सहमत नहीं हैं। इस पुस्तक के दो लेखक हैं- रघुराम जी. राजन और रोहित लाम्बा। लेखकों ने इस पुस्तक के परिचय में ही बताया है...