Sunday, April 28, 2024

डॉ. सिद्धार्थ

मनुवादी राजसत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित योद्धा: मान्यवर कांशीराम

डॉ. आंबेडकर, ई.वी. रामासामी पेरियार, रामस्वरूप वर्मा, जगदेव प्रसाद, चंद्रिका प्रसाद ‘जिज्ञासु’जैसे बहुजन नायकों का एक स्वर से मानना था कि आजादी के बाद भारत में स्थापित राजसत्ता मूलत: ब्राह्मणवादी राजसत्ता है। डॉ. आंबेडकर और पेरियार ने इसे ब्राह्मण-बनिया...

राम और सीता नहीं, फुले एवं सावित्रीबाई हैं आदर्श दंपति के प्रतीक

भारत में बहुजन-श्रमण परंपरा के पास आधुनिक भारत के निर्माण के लिए आवश्यक दर्शन, विचारधारा, ग्रंथ और नायक-नायिकाएं हैं। यह बात स्त्री-पुरूष संबंधों के बारे में भी पूरी तरह सच है। जहां वेदों से लेकर हिदुत्व के आधुनिक पैरोकार...

ब्राह्मणवाद और पितृसत्ता महिलाओं के दो सबसे बड़े दुश्मन

भले ही भौतिक साधनों और तकनीकी प्रगति के मामले में भारत एक आधुनिक देश दिखता हो, लेकिन मानसिक तौर पर अधिकांश भारतीय आज भी मध्यकालीन मानसिकता में जीते हैं। इसका सबसे मुखर रूप भारतीयों की स्त्री को दोयम दर्जे...

पंकज बिष्ट: आक्रोश, प्रतिवाद एवं प्रतिरोध को स्वर देता एक प्रबुद्ध संपादक

( साहित्यकार, संपादक और लेखक पंकज बिष्ट कल 75 वर्ष के हो रहे हैं। इसके साथ ही उनके संपादकत्व में निकलने वाली मैगनजीन 'समयांतर' भी अपना 20वां साल पूरी कर रही है। पंकज बिष्ट के जीवन का बड़ा हिस्सा...

मानव-विकास सूचकांक के सभी पैमानों पर जम्मू-कश्मीर से काफी पीछे है, मोदी-शाह का मॉडल राज्य गुजरात

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने और केंद्र शासित प्रदेश की घोषणा करते समय गृहमंत्री ने बार-बार जम्मू-कश्मीर की गरीबी और पिछड़ेपन का हवाला दिया। जबकि सच्चाई यह है कि जम्मू-कश्मीर मानव-विकास सूचकांक के अधिकांश पैमानों पर नरेंद्र मोदी और शाह के मॉडल राज्य...

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सलमान सोज और अमिताभ दुबे का लेख: कांग्रेस एक ज्यादा न्यायपूर्ण समाज बनाना चाहती है

कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने भारत में बढ़ती जा रही गैर-बराबरी पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। चूंकि...