ऑल्ट न्यूज़ के एक लेख के अनुसार, 28 नवंबर को गोवा में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के समापन समारोह के दौरान, एक इजरायली फिल्म निर्माता, ज्यूरी हेड नादव लैपिड ने फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को एक अश्लील,...
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वर्तमान निदेशक संजय कुमार मिश्रा को दिए गए कार्यकाल के तीसरे विस्तार को चुनौती देते हुए 1/12/22 को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक नई याचिका दायर की गई है। जया ठाकुर द्वारा दायर इस याचिका...
एक नज़र, एनडीटीवी के अधिग्रहण पर।
० आरआरपीआर (राधिका रॉय प्रणय रॉय) होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, जो एनडीटीवी की प्रमोटर फर्म थी, अपनी इक्विटी पूंजी का 99.5% अडानी समूह को स्थानांतरित करती है।
० इसके बाद, प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने,...
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष, नादव लापिड ने सोमवार को पणजी, के समापन समारोह में कहा कि, विवेक अग्निहोत्री की फिल्म, "द कश्मीर फाइल्स" एक 'प्रोपेगेंडा और वल्गर फिल्म' है और IFFI में भारत के अंतर्राष्ट्रीय...
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ, जिसमे पांच जेजे शामिल हैं, नोटबंदी के बारे में, नियमित सुनवाई कर रही है। भारत सरकार का 8 नवंबर 2016 को जारी किया गया, यह विवादास्पद आर्थिक कदम, न्यायिक समीक्षा के दायरे में आ...
सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी से जुड़ी 58 जनहित और अन्य याचिकाओं पर, सुनवाई चल रही है। इन्ही याचिकाओं में एक याचिका है जिसमे, प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए, इस आश्वासन पर, एक कानूनी विंदु उठाया गया है कि, क्या प्रधानमंत्री...
पुरानी कहावत है, एक झूठ को छुपाने के लिए हजार झूठ बोलने पड़ते हैं। आज जब सावरकर के माफीनामे पर बहस छिड़ गई है तो, भाजपा, सावरकर के माफीनामे का औचित्य साबित करने के लिए, कभी शिवाजी के पत्रों तो...
भाजपा के प्रवक्ता, सुधांशु त्रिवेदी ने यह कह कर कि, 'शिवाजी ने भी औरंगजेब को पांच पत्र लिखे हैं तो क्या उसे, उनका माफीनामा कहा जायेगा,' एक नया विवाद खड़ा कर दिया हे। शिवाजी ने निश्चित ही औरंगजेब को...
आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्मदिन है। इंदिरा, जितनी सराही गयीं उतनी ही इनकी आलोचना भी हुयी। कांग्रेस सिंडिकेट ने गूंगी गुड़िया को कठपुतली की तरह अपने इशारे पर काम करने के लिये 1967 में प्रधानमंत्री मनोनीत कराया...
गांधी की दांडी यात्रा और नमक सत्याग्रह, एक प्रतीकात्मक आंदोलन था और उसका उद्देश्य, जनता को सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए एकजुट करना था। 6 अप्रैल, 1930 को, दांडी में ही, नमक कानून तोड़ने के बाद, फ्री प्रेस जर्नल,...