Thursday, April 25, 2024

capitalism

राफेल सौदे में भारत के कहने पर मिला अनिल अंबानी को ठेका: मीडियापार्ट

राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार की पर्तें एक बार फिर से खुलने लगी हैं। राफेल सौदे में 20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है और पूरा सौदा अनियमिताओं से भरा है।राफेल सौदे में भ्रष्टाचार पर अपनी खोजी रिपोर्ट...

धर्म उत्पीड़ित की आह है, हृदयविहीन दुनिया का हृदय है: मार्क्स

मार्क्सवाद समाज को समझने का विज्ञान और उसे बदलने का आह्वान है। समाज के हर पहलू पर इसकी सत्यापित स्पष्ट राय है, धर्म पर भी। ‘हेगेल के अधिकार के दर्शन की समीक्षा में एक योगदान’ में मार्क्स ने लिखा...

कम वेतन पाने वाला पत्रकार अधिक खतरनाक होता है!

पत्रकारों को कम वेतन नहीं देना चाहिए। कम वेतन पाने वाला पत्रकार अधिक खतरनाक हो सकता है। कभी यह रोचक निष्कर्ष निकाला था, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने। कार्ल मार्क्स पर उनकी यह एक रोचक टिप्पणी है।...

मोदी राज में अडानी-अंबानी मालामाल, गरीब हुए कंगाल

अगर यह सवाल, सरकार या नीति आयोग, जो उसका थिंकटैंक है, से पूछा जाए कि 2014 के बाद सरकार की आर्थिक नीति क्या है? तो उसका उत्तर होगा आर्थिक सुधार लागू करने की। फिर सवाल उठता है कि यह...

किसानों का यह संघर्ष ही भारतीय अर्थव्यवस्था के तमाम संकटों की कुंजी है

भारत में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ पूंजीवाद का संबंध उपनिवेश और औपनिवेशिक शक्ति के बीच के संबंध का रूप ले चुका है। पिछले तमाम वर्षों में गांवों में निवेश और गांवों से धन की निकासी के बीच भारी फ़र्क़...

ताकि भारत न बने पाखंडी-राष्ट्र!

तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के शुरू से ही केंद्र की भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला चल रहा है। किसान संगठनों द्वारा 8 दिसंबर को...

सत्ता ‘रंग-नुमाइश’ कराती है, ताकि रंगकर्म का विचार मर जाए!

रंगकर्म माध्यम है, यह सोचने या मानने वाले अधूरे हैं। वो रंगकर्म को किसी शोध विषय की तरह पढ़ते हैं या किसी एजेंडे की तरह इस्तेमाल करते हैं, पर वो रंगकर्म को न समझते हैं न ही रंगकर्म को...

देश को चंद गिरोहबंद पूंजीपतियों की निजी जागीर बनाने की साजिश

किसान कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिन प्रति दिन तेज होता जा रहा है। यह आंदोलन सरकार के खिलाफ तो है ही, सरकार की पीठ पर हाथ रखे कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ भी होता जा रहा है। इससे...

किताबें मत जलाइए, ऐसा इंतज़ाम कीजिए कि लोग उन्हें पढ़ ही न पाएं!

‘आप भले मेरी किताबें और यूरोप के सबसे उन्नत मस्तिष्कों की किताबें जला देंगे, लेकिन उन विचारों का क्या जो उन किताबों में समाई थीं और जो करोड़ों रास्तों से आगे बढ़ चुका है और बढ़ता ही रहेगा।’’-हेलेन केलर,...

पुण्यतिथिः मुंशी प्रेमचंद मानते थे- किसानों को स्वराज की सबसे ज्यादा जरूरत

हिंदी-उर्दू साहित्य में कथाकार मुंशी प्रेमचंद का शुमार, एक ऐसे रचनाकार के तौर पर होता है, जिन्होंने साहित्य की पूरी धारा ही बदल कर रख दी। देश में वे ऐसे पहले शख्स थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य को रोमांस, तिलिस्म,...

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मणिपुर: धर्म की ऐतिहासिक प्रयोगशाला

पिछले दस महीनों से मणिपुर में भयावह हिंसा जारी है। मैतेई और कुकी समुदाय आमने-सामने हैं। यह 3 मई,...