हवा में रहेगी मेरे ख्यालों की बिजली ये मुश्ते ए खाक है फानी रहे रहे न रहे
भगत सिंह
एक ऐसा नाम
जो खून में उतर जाता है
रोमांच से भर देता है
नसें फड़क उठती हैं
आदर्श जग उठते हैं
छोटे पन से घृणा होने...
"आज सुबह जब मैंने रेड लाइट पर गाड़ी रोकी तो एक महिला जिसकी गोद में बच्चा था मेरी गाड़ी के शीशे को थपथपा रही थी। ये सीन रोजाना होता है ये लोग भीख मांग कर अपना गुजारा करते हैं।...
अभी की एक गहरी चिंता और अवसाद से भरी विमर्श के गतिरोध की चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में नितांत तात्कालिक प्रसंगों को थोड़ा किनारे रखते हुए हम यहां एक किंचित भिन्न प्रकार के तात्विक क्षेत्र में प्रवेश का प्रस्ताव करना...
आज जो देश के हालात
हैं। ऐसे में शहीद-ए-आजम भगत सिंह का याद आना लाजिमी है। जिस तरह से राजनीति का
व्यवसायीकरण हुआ है। धंधेबाजों के हाथ में देश की बागडोर है। सियासत का मतलब बस
एशोआराम, रुतबा और कारोबार रह गया...