सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्तों तथा अन्य भत्तों पर जो कटौती केंद्र सरकार द्वारा की गयी है उसका कारण कोरोना…
साम्यवाद ही क्यों? : राहुल सांकृत्यायन
आज दुनिया एक वैश्विक महामारी का सामना कर रही है। पूरी दुनिया के सभी संसाधनों पर क़ब्जा करने के लिए…
कोरोना महामारी : अमीर इंडिया बनाम गरीब भारत
भारत में बीसवीं सदी का अंतिम दशक ख़त्म होते-होते समस्त मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों, मंचों और माध्यमों से गरीबी की…
यह वैश्विक महामारी एक नई दुनिया का प्रवेश द्वार है: अरुंधति रॉय
अंग्रेजी में “वायरल होना” (किसी वीडियो, संदेश आदि का फैलना) शब्द को सुनते ही अब किसको थोड़ी सिहरन नहीं होगी?…
पूंजीवादी महामारी को समाजवाद की खुराक
कोरोना संकट ने पूरे विश्व में सिर्फ और सिर्फ लाभ अर्जन की प्राथमिकता वाले पूंजीवादी ढांचे को बुरी तरीके से…
पुण्य तिथिः हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली…
जंग-ए-आज़ादी में निर्णायक मोड़ देने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 23 मार्च को 89वीं पुण्यतिथि है। 23 मार्च, 1931 को…
जनता के स्वास्थ्य के बजाय कार्पोरेट के मुनाफे को केन्द्र में रखने से विकराल हो गया कोरोना का संकट
‘बेला चाओ ! बेला चाओ !! ( Bela Chao ) वह गीत जो कभी 19 वीं सदी की इटली की…
शहीदे आजम भगत सिंह: क्रांति की अनवरत जलती मशाल
हवा में रहेगी मेरे ख्यालों की बिजली ये मुश्ते ए खाक है फानी रहे रहे न रहे भगत सिंह एक…
कोरोना वायरस: सत्ता और अवाम
“आज सुबह जब मैंने रेड लाइट पर गाड़ी रोकी तो एक महिला जिसकी गोद में बच्चा था मेरी गाड़ी के…
अथातो चित्त जिज्ञासा: जॉक लकान के मनोविश्लेषण के सिद्धांतों पर केंद्रित एक विमर्श की प्रस्तावना
अभी की एक गहरी चिंता और अवसाद से भरी विमर्श के गतिरोध की चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में नितांत तात्कालिक प्रसंगों…