Friday, April 26, 2024

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किसान महासभा ने की संसदीय समिति की आवश्यक वस्तु अधिनियम को लागू करने की सिफारिश की निंदा

अखिल भारतीय किसान महासभा ने खाद्य, उपभोक्ता मामलों और पीडीएस  से सम्बंधित संसदीय स्थाई समिति द्वारा आवश्यक वस्तु (संशोधित) अधिनियम 2020 को लागू करने की सिफारिश किये जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है। मोदी सरकार ने पांच...

आपसी मतभेद खत्म कर किसान नेताओं ने लिया सामूहिक लड़ाई का संकल्प

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति ने शिव कुमार शर्मा कक्काजी के एक अखबार में छपे उस बयान के बारे में चर्चा की जिसमें उन्होंने गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बारे में टिप्पणी की थी। शिव कुमार कक्काजी ने...

तीनों काले कानून किसानों को मज़दूर नहीं खानाबदोश बना देंगे: शिवाजी राय

किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने सरकार के साथ नौवीं वार्ता की रस्मअदायगी ख़त्म होने के बाद कहा कि बातचीत 120 प्रतिशत असफल रही है। वहीं केंन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तौमर पुराने वक़्त में दूरदर्शन में समाचार पढ़ने...

समाधान नहीं, अगले दौर की फिर मिल गयी तारीख

किसान आंदोलन के 51 वें दिन आज सरकार और किसान संगठनों के नेता नौवीं बार आमने-सामने बैठे। लेकिन जैसा कि पहले से ही पता था ये बैठक एक खानापूर्ति भर थी। सरकार लगातार कृषि क़ानूनों की खूबियाँ गिना रही...

तन्मय के तीर

(दोस्तों, कार्टून का पत्रकारिता के साथ चोली दामन का रिश्ता रहा है। और एक दौर में यह अखबारों का अभिन्न हिस्सा हुआ करता था। सुबह हाथ में अखबार आने पर पाठकों की सबसे पहली निगाह मुख्य पृष्ठ पर नीचे...

किसान आन्दोलन: लंगड़ी हो गयी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी

कृषि कानूनों पर किसानों से बातचीत के लिए दो दिन पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित चार सदस्यीय कमेटी अपनी पहली बैठक से पहले ही लंगड़ी हो गयी जब उसके एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने यह कहते हुए अपना...

मैं कमेटी नहीं, किसानों के साथ: भूपिंदर सिंह मान

"मैं पंजाब और किसानों के समर्थन में खड़ा हूँ" और किसानों के सेंटीमेंट को देखते हुए मैं खुद को कमेटी से अलग कर रहा हूँ।" यह कहते हुए वरिष्ठ किसान नेता भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई...

सार्वजनिक मजाक का पात्र बन चुकी कमेटी का भला क्या मतलब?

सुप्रीम कोर्ट के पास कमेटी के चारों सदस्य के नाम कहां से आए, आम जनता के पास यह जानने का कोई रास्ता नहीं लेकिन कमेटी के सदस्यों का नाम आते ही आम जनता ने तुरंत जान लिया कि कमेटी...

सरकार का संकटमोचक बन गया है सुप्रीम कोर्ट

यह एक नया ट्रेंड चला है कि जब जब सरकार निर्विकल्प होने और संकट में धंसने लगती है तो वह सुप्रीम कोर्ट की ओर देखने लगती है। बिल्कुल ग़ज़ ग्राह वाली स्थिति है। दिल्ली की सीमा पर जब तक...

भारत की जनता के लिए भरोसेमंद नहीं है कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट का स्थग्नादेश: माले

नई दिल्ली। सीपीआई (एमएल) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश भारत की जनता के लिए भरोसेमंद नहीं है। पार्टी की केंद्रीय कमेटी की ओर से जारी...

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‎केवल सात सेकेंड की शक्ति से झूठ-सच के अदल-बदल का खेल खत्म हो ‎सकता है! 

अब 2024 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर मजबूत सरकार का मुद्दा बहुत मजबूती से उठाया...