मजरूह सुल्तानपुरी के गृह जनपद सुल्तानपुर जिसके कुशभवनपुर होंने की चर्चा आम है, में एक पार्क इस इंक़लाबी शायर के नाम पर है। तस्वीर में पार्क में घास-फूस का जंगल उगा हुआ है तो जनाब के नाम का लगा...
"फिल्म इंडस्ट्री को अब सरकार की ओर से विचार के समर्थन वाली फिल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसी फिल्मों को बनाने के लिए फंड भी दिया जाता है जो सरकार के विचारों का समर्थन करती हों।...
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश के मामले में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व नेता उमर खालिद ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि उनके खिलाफ आरोपपत्र किसी वेब सीरीज या टीवी समाचार की पटकथा...
दलितों के शोषण और उसके प्रतिकार पर बनी ‘200: हल्ला हो’ झकझोरने वाली फ़िल्म है। 2004 में नागपुर में दलित महिलाओं के एक समूह ने बलात्कार और यौन शोषण के एक आरोपी अक्कू यादव की भरी अदालत में हत्या...
(ऐतिहासिक तौर पर भारतीय सिनेमा ने जहाँ फ़िल्मों के निर्माण में दलितों के श्रम का शोषण किया है वहीं उनकी कहानियों को मिटाया और हड़पा है। यह सब अकस्मात न था। परदे पर जब उनकी कहानियाँ दिखलाई जातीं तो...
अभी पिछले दिनों केसरी (Kesari) के नाम से एक नई फिल्म रिलीज़ हुई है। ये एक ऐतिहासिक फ़िल्म है। इसमें सारागढ़ी की मशहूर जंग दिखाई गई है। इसमें बताया गया है कि केवल 21 सिखों ने 10000 पठानों का...
दुनिया के लिए 'सुरेखा सीकरी' , पर हमारे लिए 'फ़याज़ी, नहीं 'फैज्जी'। जब सब तरफ़ से तुम्हारे इस जहां से रुख़्सत हो जाने की आवाज़ें आ रही हैं, जुलाई की उमस से भरी गर्मी में पेड़ भी शिथिल खड़े...
एमएफ हुसैन के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर मकबूल फिदा हुसैन ऐसे मुसव्विर हुए हैं, जिनकी मुसव्विरी के फ़न के चर्चे आज भी आम हैं। दुनिया से रुखसत हुए उन्हें एक दहाई होने को आई, मगर उनकी यादें...
फिल्मी दुनिया में राजेन्द्र कृष्ण वे गीतकार हैं, जिन्होंने हिंदी फिल्मों की कहानी, स्क्रिप्ट और संवाद भी लिखे। सभी फील्ड में वे कामयाब रहे। लेकिन राजेन्द्र कृष्ण के चाहने वालों में उनकी पहचान गीतकार की ही है। चार दशक...
(साहिर, 8 मार्च 1921- 28 अक्तूबर 1980; जन्म-शती साल)
साहिर लुधियानवी की बेशुमार लोकप्रियता से रश्क और रंजिश रखने वाली अदीबों की दुनिया में एक बहस उछाली जाती रही है कि साहिर रोमेंटिक शाइर हैं या पॉलिटिकल। यह भी...