किसी शायर ने क्या खूब कहा है: मंजिल मिले, मिले, न मिले, कोई गम नहीं, मंजिल की जुस्तजू में मेरा…
मुरादाबाद भी रहा स्वतंत्रता आन्दोलन का गवाह, यहीं से फूटी थी खिलाफत और असहयोग की ज्वाला
मानव इतिहास में 15 अगस्त, 1947 को ऐसी घटना घटी जिससे न केवल दो देशों के बीच की सरहदें बंट…
श्रीदेव सुमन: राजभक्त जिसकी मौत बनी राजशाही की मौत का कारण
राजतंत्रों के इतिहास में शायद ही ऐसे मौके आये होंगे जब किसी राजभक्त की मौत राजशाही के अन्त का कारण…
दुनिया को विनाश की तरफ ले जा रही है धरती पर कब्जे की साम्राज्यवादी मुल्कों की लड़ाई
धरती के कुख्यात और इतिहास के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य एक दूसरे पर चढ़ाई कर रहे हैं। एक खेमे का सिपहसलार…
विषकाल के आठ साल
आज़ादी के मंथन से संविधान नाम का अमृत निकला था। जिसे विकारी संघ की सरकार विष में बदल रही है।…
मुग़ल साम्राज्य से शर्म कैसी?
देश के वर्तमान शासकों के लिए आजकल इतिहास बदलने की जैसे हड़बोंग सी मची हुई है। साम्प्रदायिक आधार पर इतिहास…
लोकसभा चुनाव तक हर विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला
इस समय पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों से लेकर 2024 में होने वाले लोकसभा…
आज बुझा दी जाएगी इंडिया गेट पर 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति
भारत के इतिहास और ऐतिहासिक महत्व की चीजों को नस्तोनाबूत करने में जुटी नरेंद्र मोदी सरकार के निशाने पर अब…
अंग्रेजों ने इतिहास लेखन के जरिए भारत में बोया सांप्रदायिकता का बीज
(आज, हमारे आस-पास, नफरत का जो माहौल है, उसकी एक वजह, घृणित इतिहास लेखन भी है। और इसकी शुरुआत औपनिवेशिक…
बांग्ला दलित साहित्य का शब्दकोश: डॉ. सुरजीत कुमार सिंह
“तुम जितनी ही सीख लो धनुर्विद्या, अर्जुन सदा तुम्हारा अगूंठा काटता ही रहेगा। क्योंकि उसके सिर पर एकाधिक, द्रोणाचार्यों के…