ज्ञान और अमल का प्रश्न

शैक्षिक समुदाय का क्या दायित्व बनता है, विशेष रूप से एक विधि विश्वविद्यालय में, जब विश्वविद्यालय की स्थापना के वर्ष,…

श्रम कानूनों का निलंबन मज़दूर विरोधी होने के साथ अनैतिक और अव्यवहारिक भी: अज़ीम प्रेमजी

विप्रो के संस्थापक चेयरमैन अज़ीम प्रेमजी ने लिखा है कि, “पिछले सप्ताह 16 श्रमिकों का ट्रेन से कटना एक अविस्मरणीय…

हर मोर्चे पर फेल प्रधानमंत्री के 4 एल

भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी परसों देश से मुखातिब हुए और चार “L”का महत्व जनता को समझाया। 1.Land 2.Labour 3.Law…

एक खतरनाक संकेत है श्रम कानूनों का निलंबन

श्रम कानूनों के निलंबन का निर्णय जो कुछ सरकारों द्वारा किया गया है जिसमें यूपी, एमपी और गुजरात है, एक…

श्रम क़ानूनों के ख़ात्मे के ख़िलाफ़ ऐक्टू का देशव्यापी प्रतिरोध, जगह-जगह जले पुतले

नई दिल्ली। ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) ने उत्तर प्रदेश, मध्य-प्रदेश, गुजरात समेत देश के अन्य राज्यों…

कोरोना की आड़ में श्रम कानूनों पर हमला

मजदूर किसी भी देश की रीढ़ है बिना इनके कोई भी देश विकास की सीढ़ियां नहीं चढ़ सकता यह पहले…

मजदूरों की मौत से आत्मनिर्भरता आएगी?

किसी ने ठीक ही कहा है कि कोरोना महामारी में नया कुछ नहीं हो रहा है। बल्कि जो चीजें हो…

श्रम क़ानूनों के खात्मे और काम के घटों में वृद्धि के ख़िलाफ़ उत्तराखंड में ऐक्टू का प्रदर्शन

हल्द्वानी। श्रम कानूनों को समाप्त करने, 8 घंटा काम को बढ़ाकर 12 घंटा कर मजदूरों को गुलाम बनाए जाने के…

श्रम कानूनों के खात्मे के सरकारी फ़ैसलों के खिलाफ ऐक्टू का 12-13 मई को दो दिवसीय विरोध दिवस का ऐलान

हल्द्वानी। कोरोना आपदा की आड़ में मोदी समेत तमाम बीजेपी शासित राज्य सरकारों द्वारा मज़दूरों के अधिकारों पर हमले का…

मज़दूरों के जख़्मों पर मरहम लगाना तो दूर, सरकारें नमक रगड़ने पर आमादा हैं

ऐसे वक़्त में जब कोरोना संक्रमण से पैदा हुई चुनौतियाँ बेक़ाबू ही बनी हुई हैं, तभी हमारी राज्य सरकारों में…