कभी-कभी दक्खिन के खेमे में सूर्य पश्चिम से भी निकलने लगता है। ऐसी स्थिति में लोगों का भ्रमित होना स्वाभाविक…
पुस्तक समीक्षा: भारत की मौजूदा राजनीति और जिन्ना पर एक नज़र ए सानी
अगले साल, दो हज़ार बाइस (2022) में भारतीय उपमहाद्वीप अपनी आज़ादी के पचहत्तर (75) साल पूरे करने जा रहा है।…
समाजवादियों के पास है सुचारू व्यवस्था
अर्थव्यवस्था के सभी अनुमान ढलान की ओर हैं। वर्तमान सत्ता-पार्टी अफवाहों की विशेषज्ञ है। व्यवस्था संभालना इनको नहीं आता। पशुपालन, खेती, उद्योग, चिकित्सा…
पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला के कारण ही कश्मीर बन सका भारत का हिस्सा
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई व्यक्ति व संगठन जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या के लिए जिम्मेदार…
जवाहर लाल नेहरू और उनका इतिहास बोध
जवाहर लाल नेहरू न केवल आज़ादी के लिए किये गए संघर्ष के शीर्षस्थ नेताओं में से एक रहे हैं, बल्कि…
पुण्यतिथि पर विशेष: राजनेता ही नहीं, वैज्ञानिक भी थे पंडित नेहरू
“विज्ञान ही भूख, गरीबी, निरक्षरता, अस्वच्छता, अंधविश्वास और पुरानी दकियानूसी परंपराओं से मुक्ति दिला सकता है।’’ यह महत्वपूर्ण संदेश पंडित…
तन्मय के तीर
(देश का कृषि क्षेत्र अपने इतिहास के सबसे संकट के दौर में है। कारपोरेट पूरी कृषि को हड़प जाने पर…
जयंती पर विशेष: चौधरी चरण सिंह में बसती थी किसानों की आत्मा
आज चौधरी चरण सिंह जी का जन्मदिन है, जिसे किसान दिवस के रूप में देश भर में याद किया जाता…
जयंतीः जोश मलीहाबादी की रगों में दौड़ता था इंकलाब!
उर्दू अदब में जोश मलीहाबादी वह आला नाम है, जो अपने इंकलाबी कलाम से शायर-ए-इंकलाब कहलाए। जोश का सिर्फ यह…
नेहरू की बनाई नींव पर खड़ी हुई भारतीय लोकतंत्र की बुलंद इमारत
एक बार नेहरू से किसी ने पूछा कि भारत के लिए उनकी विरासत क्या होगी, तो उन्होंने उत्तर दिया, “यकीनन…