अफगानिस्तान की कहानी नेहरू की जुबानी
सन् 1919 को अफगानिस्तान औपचारिक तौर पर ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त हुआ था। 19 अगस्त अफगानिस्तान अपनी स्वाधीनता दिवस मनाता है। इस संदर्भ [more…]
सन् 1919 को अफगानिस्तान औपचारिक तौर पर ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त हुआ था। 19 अगस्त अफगानिस्तान अपनी स्वाधीनता दिवस मनाता है। इस संदर्भ [more…]
औपनिवेशिक शासन से भारत की मुक्ति के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वाधीनता आंदोलन के नेताओं के सपनों और आकांक्षाओं का अत्यंत [more…]
सन् 2014 के बाद का समय अपने एक खास किस्म के बदलाव की ओर अग्रसर रहा है इस दौरान नीति आयोग के नामकरण के बाद [more…]
सिविल सोसाइटी की अहमियत राजनीतिक दलों से ऊपर है। अन्य देशों में इसे प्रेशर ग्रुप के नाम से लोकतंत्र का सबसे प्रभावशाली टूल माना गया [more…]
कभी-कभी दक्खिन के खेमे में सूर्य पश्चिम से भी निकलने लगता है। ऐसी स्थिति में लोगों का भ्रमित होना स्वाभाविक है। इसी तरह की एक [more…]
अगले साल, दो हज़ार बाइस (2022) में भारतीय उपमहाद्वीप अपनी आज़ादी के पचहत्तर (75) साल पूरे करने जा रहा है। हम जानते हैं कि आज़ादी [more…]
अर्थव्यवस्था के सभी अनुमान ढलान की ओर हैं। वर्तमान सत्ता-पार्टी अफवाहों की विशेषज्ञ है। व्यवस्था संभालना इनको नहीं आता। पशुपालन, खेती, उद्योग, चिकित्सा तथा भूख की समस्या से [more…]
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई व्यक्ति व संगठन जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। परंतु इसके विपरीत [more…]
जवाहर लाल नेहरू न केवल आज़ादी के लिए किये गए संघर्ष के शीर्षस्थ नेताओं में से एक रहे हैं, बल्कि वे देश के प्रथम प्रधान [more…]
“विज्ञान ही भूख, गरीबी, निरक्षरता, अस्वच्छता, अंधविश्वास और पुरानी दकियानूसी परंपराओं से मुक्ति दिला सकता है।’’ यह महत्वपूर्ण संदेश पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के [more…]