निर्मल कुमार शर्मा
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महाबली को खानी पड़ी अफगानिस्तान में मुंह की
'बोतल का जिन्न बोतल से बाहर आकर अपने आका को ही खा गया। 'यह आमजन में प्रचलित एक लोकप्रिय मुहावरा है, परंतु आज अफगानिस्तान की सत्ता पर पुनर्वापसी कर आतंकवादी तालिबान ने उक्त बात को ही गंभीरता से परिपुष्ट...
ज़रूरी ख़बर
खाकी की भेष में छुपे अपराधियों को कब मिलेगी सजा
हमारा संविधान कहता है कि 'जब तक किसी व्यक्ति पर किसी सक्षम न्यायालय द्वारा अपराध सिद्ध नहीं हो जाता, उनसे अपराधी की तरह व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए, उनसे क्रूरतापूर्ण व्यवहार बिल्कुल नहीं होना चाहिए', लेकिन भारतीय कथित लोकतंत्र...
ज़रूरी ख़बर
ग्लोबल वार्मिंग और आकाशीय बिजली का अन्तर्सम्बन्ध
अभी पिछले दिनों आकाशीय बिजली गिरने से राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बहुत से लोग अकाल कलवित हो गए। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार भारत में हर साल औसतन 2000 लोग आकाशीय बिजली गिरने से अपना अमूल्य जीवन खो...
ज़रूरी ख़बर
21 सिख बनाम 10000 पठान यानी सारागढ़ी युद्ध की क्या है हकीकत?
अभी पिछले दिनों केसरी (Kesari) के नाम से एक नई फिल्म रिलीज़ हुई है। ये एक ऐतिहासिक फ़िल्म है। इसमें सारागढ़ी की मशहूर जंग दिखाई गई है। इसमें बताया गया है कि केवल 21 सिखों ने 10000 पठानों का...
संस्कृति-समाज
जालियांवाला बाग हत्याकांड को अंजाम देने वाले माईकल ओ डायर की हत्या कर उधम सिंह ने किया देश का मान ऊंचा
मानवीय इतिहास में क्रूर शासकों की सूची में सबसे बदनाम व खूंखार शासकों में मंगोल शासक चंगेज खां, रूस का राजा जार, जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर, इटली का निरंकुश शासक बेनिटो मुसोलिनी आदि हैं, लेकिन क्रूरता के मामले में...
बीच बहस
कारगिल शौर्य दिवस की रोशनी में भुला दिया गया शहीदों के परिवारों का अंधेरा
आज से ठीक 22 वर्ष पूर्व 1999 में भारत और पाक के बीच एक साठ दिन लम्बा युद्ध चला, जो 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। भारत की सीमा में स्थित कारगिल नामक एक जगह पर स्थित एक पहाड़...
बीच बहस
देश की उच्च अदालतों के जजों के चयन में आखिर पारदर्शिता क्यों नहीं?
पुराने जमाने में, कुछ अपवाद स्वरूप यथा वैशाली, कपिलवस्तु, रोम आदि को छोड़कर, जहाँ उस प्राचीनकाल में राजा का चुनाव भी गणतांत्रिक ढंग से ठीक पांच साल के लिए होता था, भारत में 1947 के ठीक पूर्व तक और...
बीच बहस
लाल झंडे ने दी है किसान आंदोलन को स्थिरता
वामपंथियों को आँख मूँदकर गाली देने वाले आजकल के कथित सत्ता के चाटुकार पत्रकारों, लेखकों, सम्पादकों, भाँड़ मीडिया के एंकरों और कथित साहित्यकारों को भारत के वर्तमान समय में सत्तासीन पूँजीपतिपरस्त सरकार के दंगाई, फॉसिस्ट, जनविरोधी, कार्पोरेट हितैषी कर्णधारों...
बीच बहस
मोदी और योगी के गुंडों से नहीं होगी लोकतंत्र की रक्षा
अभी पिछले दिनों लखीमपुर खीरी में ब्लॉक प्रमुख के चुनावों के पूर्व उसके नामांकन हेतु कुछ विपक्षी दलों की महिला प्रत्याशियों के साथ बीजेपी समर्थित गुँडों और विधायकों द्वारा पूर्व प्रायोजित, सुनियोजित व सामूहिकरूप से जो हैवानियत, दरिंदगी व...
बीच बहस
मोदी जी! प्रधानमंत्री चंद पूंजीपतियों का नहीं, पूरी जनता का होता है हितरक्षक
कितने दुःख, अफसोस और हतप्रभ करने वाली बात है कि वर्तमान समय में भारत का सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री 2014 के चुनाव से पूर्व अपनी लगभग हर जनसभाओं में इस देश की आवाम या आम भारतीय जनता के सामने अपनी गर्दन...
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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान
मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...