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संस्कृति-समाज

राजिंदर सिंह बेदी स्मृति दिवस: क़लम और काग़ज का रिश्ता

दोस्तों, मैं तक़रीबन दो साल से बीमारी के मुख़्तलिफ़ मदारिज (पड़ाव) तय कर रहा हूं। अब पिछली सी शिद्दत मेरी बीमारी में बाक़ी नहीं है। [more…]

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संस्कृति-समाज

जौन एलिया स्मृति दिवस: ये तो बढ़ती ही चली जाती है मीयाद-ए-सितम

जौन एलिया, नौजवान नस्ल के पसंदीदा शायर हैं। वे न सिर्फ़ जौन की दिल-आवेज़ शख़्सियत के दीवाने हैं, बल्कि उनके कई मशहूर शे’र, मिसाल के [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिन पर विशेष: अदाकारी, इंसानियत और दरियादिली में बेमिसाल थे पृथ्वीराज कपूर

भारतीय सिनेमा में पृथ्वीराज उस बेमिसाल शख़्सियत का नाम है, जिनकी शानदार अदाकारी के साथ-साथ उनकी बेजोड़ इंसानियत और बेपनाह दरियादिली के भी कई क़िस्से [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिन पर विशेष: पारसी थियेटर से रंंगीन फिल्मों तक का सफर करने वाले फिल्मकार सोहराब मोदी

भारतीय सिनेमा में सोहराब मोदी उस हस्ती का नाम है, जिन्होंने अपने करियर का आग़ाज़ पारसी थियेटर से किया। देश भर के शहर-शहर, कस्बे-कस्बे थियेटर [more…]

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संस्कृति-समाज

फ़िराक़ जैसा कोई दूसरा नहीं-मलिकज़ादा मंजूर अहमद

(मलिकज़ादा मंजूर अहमद, उर्दू हलक़े में किसी तआरुफ़ के मोहताज नहीं। 17 अक्टूबर, 1929 को अम्बेडकर नगर (उत्तर प्रदेश) में जन्मे मलिकज़ादा मंजूर एक उम्दा [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिवस पर विशेष: स्वतंत्रता आंदोलन के नायक विद्यार्थी ने लिखी थी पत्रकारिता की भी नई इबारत

हिंदी पत्रकारिता में गणेश शंकर विद्यार्थी की हैसियत शिखर पुरुष के तौर पर है, तो वहीं देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी पहचान महान स्वतंत्रता [more…]

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संस्कृति-समाज

साहिर की स्मृति दिवस पर विशेष: ‘आओ कि कोई ख़्वाब बुनें, कल के वास्ते’

साहिर लुधियानवी का शुरुआती दौर, देश की आज़ादी के संघर्षों का दौर था। लेखक, कलाकार और संस्कृतिकर्मी अपनी रचनाओं एवं कला के ज़रिए आज़ादी की [more…]

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संस्कृति-समाज

24 अक्टूबर, अफ़साना निगार इस्मत चुग़ताई की याद का दिन

समूचे भारतीय उपमहाद्वीप में इस्मत चुग़ताई का नाम किसी तआरुफ़ का मोहताज नहीं। वे जितनी हिंदोस्तान में मशहूर हैं, उतनी ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में [more…]

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संस्कृति-समाज

रावण मर गया !

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक त्योहार ‘विजयादशमी’ हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरे से पहले कई जगह ‘रामलीला’ [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिन विशेष: फ़ांसी की सजा से भी बेखौफ रहे अशफ़ाक़उल्ला ख़ां

अक्टूबर महीने की 22 तारीख़ वतनपरस्त-सरफ़रोश-इंक़लाबी अशफ़ाकउल्ला ख़ां की यौम-ए-पैदाइश है। मुल्क की आज़ादी के लिए जिन्होंने सत्ताईस साल की कम-उम्री में ही अपनी जां-निसार [more…]