Sunday, April 28, 2024

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जनता की जेब पर डाके का खुला ऐलान है बैंकों और बीमा कंपनियों का निजीकरण

19 जुलाई 1969 को बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था और उसके ठीक पचास साल बाद आज 21 जुलाई 2020 को यह खबर आयी कि सरकार छः पब्लिक सेक्टर बैंकों को पुनः निजी क्षेत्रों में सौंपने जा रही है।...

इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया और मोदी ने फिर उन्हें कॉरपोरेट को सौंप दिया

19 जुलाई के दिन को भारतीय बैंकिंग के इतिहास में एक सुनहरा दिन के तौर पर याद किया जाता है। 51 वर्ष पहले इसी दिन देश के 14 प्राइवेट बैंकों का इंदिरा गाँधी सरकार के शासन में राष्ट्रीयकरण किये...

बैंक एसोसिएशन ने जारी की सरकारी बैंकों के डिफाल्टरों की सूची, 2426 कंपनियों पर 1,47,350 करोड़ का बकाया

नई दिल्ली। ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण की 51वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले ऐतिहासिक पहल करते हुए बैंकों के डिफाल्टरों की सूची जारी कर दी है। यह सूची संगठन ने कल जारी करने...

1400 अकादमिक शख्सियतों ने लिखा भारत में “स्टार्स” शिक्षा परियोजना के स्थगन के लिए विश्व बैंक को खत

नई दिल्ली। देश भर के 24 राज्यों से ख्यातिलब्ध 1400 शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, शोधकर्ताओं, शिक्षक संघों और नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों, जमीनी स्तर पर सक्रिय संगठनों और सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न नेटवर्कों/मंचों ने विश्व बैंक से भारत में 6...

2019-20 भारी निराशा, आपराधिक कुप्रबंधन और असीम पीड़ा का साल: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के छह साल पूरे होने के मौके पर कल प्रेस कांफ्रेंस करके उस पर जमकर हमला बोला। बेबस लोग, बेबस सरकार का नारा देकर उसने छह साल छह भ्रांतियों के हवाले से सरकार...

जब कर्ज़ लेने और देने वाले, दोनों भयभीत हों तो कोरोना पैकेज़ से क्या होगा?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर बनो’ वाले 12 मई के नारे के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने पाँच दिनों तक देश के आगे ‘आओ, कर्ज़ा लो’ वाली नारेबाज़ी की। दोनों नारों के प्रति जब उद्यमियों में कोई उत्साह नहीं...

मोदी सरकार का कोरोना पैकेज़ बना पहेली, जनता के लिए ‘बूझो तो जानें’ का खेल शुरू

‘यशस्वी’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में ‘कर्मठ’ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने पाँच दिन तक कोरोना राहत पैकेज़ बाँटने का अखंड यज्ञ किया। ताकि 130 करोड़ भारतवासियों को ‘आत्म-निर्भर’ बनने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये...

घर लौट कर अपनी ज़मीन पर काम करने वाले झारखंडियों की राह में लैंड बैंक और भूमि का डिजिटलीकरण सबसे बड़ी बाधाएं

हमारे प्रवासी कामगारों को जीवन यापन करने के लिए अधिक से अधिक भूमि की आवश्यकता है; लेकिन यहाँ तो मौजूदा भूमि को भी भयावह तरीके से लूटा जा रहा है। ऐसे में प्रवासियों को उनका हक कैसे मिले ? “लैंड बैंक”...

असंगठित क्षेत्र और दिहाड़ी मज़दूरों की परवाह से ही पटरी पर लौटेगी अर्थव्यवस्था

भारत के 90 फ़ीसदी लोगों का गुज़र-बसर असंगठित क्षेत्र और दिहाड़ी मज़दूरी के ज़रिये ही होती है। अर्थव्यवस्था में इस तबके का वही मतलब है जो शरीर की कोशिकाओं का है। देश के 90 फ़ीसदी लोगों का भरण-पोषण यही...

‘भगोड़ों का साथ-भगोड़ों का लोन माफ’ भाजपा सरकार का मूलमंत्र’

नई दिल्ली। बैंकों के भारी भरकम एनपीए से डूब रहे सार्वजानिक क्षेत्र के बैंकों के बकाये को केंद्र सरकार द्वारा लगातार बट्टेखाते में डाला जा रहा है, क्योंकि इनमें से बहुतेरे भाजपा सरकार के मित्र हैं। यह आरोप किसी...

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100% VVPAT गिनती को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ग़लत फ़ैसला

नई दिल्ली। EVM से जुड़े VVPAT की पर्चियों की 100% गिनती करवाने के लिए न्यायिक आदेश देने की मांग...