Estimated read time 2 min read
संस्कृति-समाज

जुबान और भाषा किसी मजहब की बपौती नहीं- जावेद अख्तर    

मशहूर तरक्कीपसंद अदीब और नगमाकार जावेद अख्तर को इस बात पर गहरा अफसोस है कि उर्दू को सिर्फ मुसलमानों की जुबान मान लिया गया है। [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

जनपक्षीय कवि, लेखक, पत्रकार सुरेश सलिल की स्मृति में

हिंदी, साहित्य और पत्रकारिता में अमूल्य योगदान करने वाले 19 जून 1942 को जन्मे जनपक्षीय कवि, लेखक सुरेश सलिल अपने लेखन, संपादन, पत्रकारिता तथा अनुवाद [more…]

Estimated read time 2 min read
संस्कृति-समाज

देवेंद्र सत्यार्थी: लोकगीतों में धड़कती जिंदगी

देवेंद्र सत्यार्थी एक विलक्षण इंसान थे। पूरे हिंद उपमहाद्वीप में उनकी जैसी शख़्सियत शायद ही कोई हो। वे उर्दू-हिंदी-पंजाबी जुबान के अज़ीम अदीब थे। मगर [more…]

Estimated read time 2 min read
संस्कृति-समाज

प्रकट-प्रछन्न जंज़ीरों से दबी कुचली इंसानियत की मुक्ति का गान हैं मोहन की कविताएं 

दलित साहित्यकारों और एक्टिविस्टों ने आधुनिकता के मुहावरे और ढांचे में अपने संघर्ष को स्थापित किया है। मूल्यों के असमान हिंदू सिस्टम के खिलाफ उन्होंने [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

जयंती पर विशेष: वर्तमान में नहीं रही प्रेमचंद युग की पत्रकारिता

वाराणसी। प्रेमचंद जी कहते हैं कि समाज में ज़िन्दा रहने में जितनी कठिनाइयों का सामना लोग करेंगे उतना ही वहां गुनाह होगा। अगर समाज में लोग [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

डॉ. पीएन सिंह: बौद्धिक आकाश को नया क्षितिज देने वाला अलहदा तारा

डॉ.परमानंद सिंह यानी पीएन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके जाने से सचमुच शदीद रंज-ओ-मलाल है। वे आला मार्क्सवादी नक़्क़ाद और बेहद ज़हीन दानिशवर [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

यह देश पहले भी कुछ कम अंधेरों से नहीं गुजरा, लेकिन कभी हारा नहीं, आगे भी नहीं हारेगा: विजय बहादुर सिंह 

देश के हिन्दी के जाने-माने आलोचकों में से एक विजय बहादुर सिंह को आमतौर पर उनकी देशज प्रतिमानों की सुगंध वाली आलोचना दृष्टि, भवानीप्रसाद मिश्र [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

मानवता की जीवंत प्रतिमूर्ति थे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर

निर्विवाद रूप से यह यह स्वीकार्य है कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर एक विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक ही [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

जहां ईमान ही पर टिकना संदिग्ध हो वहां पॉलिटिक्स में भी क्या सदाक़त रह जाएगी: असद जैदी

(कल कवि और पत्रकार अजय सिंह की कविताओं के नये संकलन ‘यह स्मृति को बचाने का वक्त है’ का विमोचन था। इस मौके पर कवि [more…]

Estimated read time 4 min read
संस्कृति-समाज

जन्मदिन पर विशेष: करिश्माई और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे कमलेश्वर

कमलेश्वर एक बहुआयामी प्रतिभा से संपन्न साहित्यकार थे। कमलेश्वर ने उपन्यास, कहानी, नाटक, संस्मरण, पटकथा विधाओं में लेखन किया। वे हिन्दी के बीसवीं शती के [more…]