अंग्रेजी के एक युवा पत्रकार और हिंदी के उभरते आलोचक आशुतोष भारद्वाज को भारतीय उच्च शोध संस्थान की पत्रिका “चेतना”…
हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के विलक्षण पैरोकार थे काजी नज़रुल इस्लाम
हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के विलक्षण पैरोकार और महत आकांक्षी बांग्ला कवि-लेखक काजी नज़रुल इस्लाम आधुनिक बांग्ला काव्य एवं संगीत के इतिहास…
जयंतीः गीतकार पंडित नरेन्द्र शर्मा ने ही आकाशवाणी को दिया ‘विविध भारती’
वे हिंदी की आन-बान और शान थे। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि-गीतकार, लेखक, अनुवादक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रशासक अपने…
फ़ैज़ की जयंतीः ‘अब टूट गिरेंगी ज़ंजीरें, अब जिंदानों की खैर नहीं’
उर्दू अदब में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का मुकाम एक अजीमतर शायर के तौर पर है। वे न सिर्फ उर्दू भाषियों…
भारतीय कवियों की जगह जेलें नहीं, लोगों के दिल हैं: इजरायली कवि
“भारत की जेलों को कवियों से नहीं भरा जाना चाहिए। कवियों को भारत और दुनियाभर के लोगों के दिलों में…
मंगलेश डबराल : करुणा में डूबी धीमी भरोसेमंद आवाज़
उम्मीद की थरथराती लौ आख़िर बुझ गई। वरिष्ठ कवि-गद्यकार और पत्रकार मंगलेश डबराल नहीं रहे। उन्होंने बुधवार देर शाम 7…
किसानों के समर्थन में अब लोकप्रिय कवि सुरजीत पातर ने लौटाया पद्मश्री
पचहत्तर वर्षीय मशहूर पंजाबी कवि सुरजीत पातर उन बेमिसाल हस्तियों में से एक हैं जिन्हें पुरस्कृत करके देने वाला स्वयं…
हंसाते हुए संजीदा कर देने वाले शायर अकबर इलाहाबादी
दबंग फिल्म में सलमान खान का dialogue आपने सुना होगा ‘मैं दिल में आता हूं समझ में नहीं’। गुलाम अली…
जयंती पर विशेष: हर तरह का पाखंड बना देवताले की कलम का निशाना
हिंदी साहित्य में साठ के दशक में नई कविता का जो आंदोलन चला, चंद्रकांत देवताले इस आंदोलन के एक प्रमुख…
पुण्यतिथि पर विशेषः साहिर का ‘वह सुबह कभी तो आएगी…’ बन गया था मेहनतकशों का तराना
साहिर लुधियानवी एक तरक्कीपसंद शायर थे। अपनी ग़ज़लों, नज़मों से पूरे मुल्क में उन्हें खूब शोहरत मिली। अवाम का ढेर…