यदि कोई भी वर्तमान किसान आंदोलन को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, बिहार और गाय पट्टी के अन्य अपरकॉस्ट कृषि भूमि के मालिक परजीवियों की नजर से देखने की कोशिश करेगा, तो उसे वर्तमान किसान आंदोलन की ताकत के मुख्य...
मुक्तिबोध गहन संवेदनात्मक वैचारिकी के कवि हैं। उनके सृजन-कर्म का केंद्रीय कथ्य है-सभ्यता-समीक्षा। न केवल कवितायें बल्कि उनकी कहानियां, डायरियां, समीक्षायें तथा टिप्पणियां सार रूप में सभ्यता समीक्षा की ही विविध विधायें हैं, वह जो उपन्यास लिखना चाहते थे,...
साल 2020-21 का बजट ऐसे वक्त में पेश किया गया जब किसी को भी इस बात में कोई शक नहीं रह गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था गंभीर संकट के भंवरजाल में फंसी हुई है। कुछ वक्त से बहस सिर्फ...