Saturday, April 27, 2024

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अधूरा सच-सफेद झूठ और परनिंदा की चाशनी में लिपटा था पीएम मोदी का पूरा भाषण

अधूरा सच-सफेद झूठ, परनिंदा, नए-नए शिगूफे, धार्मिक व सांप्रदायिक प्रतीकों का इस्तेमाल और आत्मप्रशंसा! यही पांच प्रमुख तत्व होते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर भाषण में। मौका चाहे देश में हो या विदेश में, संसद में हो या...

आजादी के पहले का भारत समझना है तो प्रेमचंद, आजादी के बाद का भारत समझना है तो परसाई को पढ़ें

इंदौर। आजादी के पहले का हिंदुस्तान समझने के लिए प्रेमचंद को पढ़ना जरूरी है। अंग्रेजों और उनसे पहले मुगलों ने भी भारत को समझने के लिए तत्कालीन साहित्य का अध्ययन किया था। प्रेमचंद ने कहा था कि "हमें हुस्न...

जस्टिस फॉर जज-2: जस्टिस कुरियन जोसेफ के आरोपों पर जस्टिस गोगोई ने कोई सफाई नहीं दी

अपने निजी जीवन और पेशेवर कारणों से विवादों में रह चुके पूर्व चीफ जस्टिस  रंजन गोगोई अपने संस्मरण 'जस्टिस फॉर जज' को लेकर एक बार फिर विवादों में घिर गये हैं। जस्टिस गोगोई ने इस किताब में अपने से...

मेरा रंग फ़ाउंडेशन के वार्षिकोत्सव में महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर चर्चा

मेरा रंग फ़ाउंडेशन के पांचवें वार्षिकोत्सव में महिला उद्यमिता पर बातचीत हुई। 'सफलता की उड़ान' शीर्षक से आयोजित पैनल डिस्कशन में अलग-अलग क्षेत्रों से आई महिला उद्यमियों ने अपने विचार साझा किये। इस मौके पर एक कवि गोष्ठी तथा...

प्रधानमंत्री का स्वतन्त्रता दिवस उद्बोधन: वे बोले तो बहुत किंतु कहा कुछ नहीं

यह पहली बार हुआ है कि देश के प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस उद्बोधन को किसी गंभीर चर्चा के योग्य नहीं समझा गया। यहाँ तक कि आदरणीय मोदी जी के प्रशस्तिगान हेतु लालायित सरकार समर्थक मीडिया ने भी स्वयं को...

सत्ता के सामने नतमस्तक भारतीय मीडिया

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काम यह होना चाहिए था कि वह लोगों को जागरूक करे किन्तु टीआरपी के चलते समाचार चैनल इन दिनों किसी भी खबर को सनसनी बनाकर पेश करने से नहीं चूक रहे। यह चिंताजनक स्थिति है। अगर...

अदालतों ने बजाई आजादी की घंटी

जब-जब हमारी उम्मीद टूटने लगी है, तब तब एक संकेत जरूर उभरा है कि व्यक्ति स्वातंत्र्य की सुरक्षा कोई गुम हुआ अभियान नहीं है। जब भारत पर विदेशियों का शासन था, तब भारत में यह विचार बहुत देर से...

सभ्यता के इतिहास के पैमानों पर भारत का किसान संघर्ष

भारत का किसान लगता है जैसे अपनी कुंभकर्णी नींद से जाग गया है। अपने इतने विशाल संख्या-बल के बावजूद संसदीय जनतंत्र में जिसकी आवाज का कोई अलग मायने नहीं रह गया था, फिर भी वह गांव के शांत जीवन...

संविधान दिवस पर विशेष: डॉ. आंबेडकर को ही भारतीय संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है?

26 नवंबर 1949 को डॉ. भीमाराव आंबेडकर ने भारतीय संविधान को राष्ट्र को समर्पित किया था। संविधान सभा के निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ. आंबेडकर की 125वें जयंती वर्ष 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस...

लाला लाजपत राय की पुण्यतिथिः ‘मेरा मज़हब हक़परस्ती, मेरी मिल्लत क़ौमपरस्ती है’

सारे देश में ‘पंजाब केसरी’ के नाम से मशहूर लाला लाजपत राय की पहचान, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के अहम नेता के तौर पर है। 28 जनवरी, 1865 को फिरोजपुर, पंजाब में जन्मे स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...