Estimated read time 3 min read
संस्कृति-समाज

सावित्रीबाई फुले: आधुनिकता के सभी अर्थों में भारत की पहली आधुनिक महिला

हिन्दू धर्म, सामाजिक व्यवस्था और परम्परा में शूद्रों और महिलाओं को एक समान माना गया है। अतिशूद्रों (अछूतों) को इंसानी समाज का हिस्सा नहीं माना [more…]

Estimated read time 4 min read
संस्कृति-समाज

स्मृति शेष : ‘दुनिया के संकट को हल करने की चाबी साम्यवाद में है’ शायर और डायलॉग राइटर अख़्तर-उल-ईमान

अख़्तर-उल-ईमान अपने दौर के संज़ीदा शायर और बेहतरीन डायलॉग राइटर थे। अक्सर लोग उन्हें फ़िल्मी लेखक के तौर पर याद करते हैं, मगर यह भूल [more…]

Estimated read time 6 min read
संस्कृति-समाज

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: चौथे अब्बा

‘एक बार जब मना कर दिया गया था, तो दोबारा कहने की हिम्मत कैसे की इसने?’ अब्बा इतनी ज़ोर से गरजे कि अम्मी थर-थर कांपने लगीं, जबकि वह [more…]

Estimated read time 3 min read
संस्कृति-समाज

प्रेम, सौंदर्य और संघर्ष के नये प्रतिमान गढ़ती भाषा सिंह की कविताएं

कवयित्री के रूप में भाषा सिंह को अनेक बार सुना है, कभी मंडी हाउस में श्रीराम सेंटर के बाहर फुटपाथ पर उनका काव्य पाठ हो [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

दाल देख और दाल का पानी देख !

रोटी के साथ दाल मिलना भी अब नसीब की बात है। आज की ताजा खबर है कि बाजार में दाल का संकट आने वाला है, [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

सीमा कपूर की आत्मकथा ‘यूं गुजरी है अब तलक’ का मुम्बई में हुआ लोकार्पण

मुम्बई। हिन्दी सिनेमा की सुपरिचित निर्माता, निर्देशक और लेखक सीमा कपूर की आत्मकथा ‘यूं गुज़री है अब तलक’ का लोकार्पण बुधवार को मुम्बई में हुआ। [more…]

Estimated read time 2 min read
संस्कृति-समाज

जन्मदिवस विशेष: राम लाल : जिन्होंने हमेशा उर्दू ज़बान की हिमायत की

राम लाल, उर्दू के अहम अफ़साना निगार हैं। उन्होंने अफ़साने, नॉवेल, यात्रा वृतांत, रेखा-चित्र, रेडियो ड्रामे और डायरी लिखी, तो सहाफ़त के मैदान में भी [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

पीयूसीएल के पूर्व अध्यक्ष और नागरिक अधिकार कार्यकर्त्ता रविकिरण जैन की याद में स्मृति-सभा का आयोजन

बीते 29 दिसंबर 2024 की रात को मानवाधिकार कार्यकर्त्ता व समाजवादी चिंतक एवं पेशे से वकील रविकिरण जैन का 82 साल की उम्र में इलाहाबाद [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

मुक्तिकामी चेतना के प्रतीक थे आजाद

भगतसिंह, राजगुरु, बटुकेश्वर दत्त, यशपाल, शिव वर्मा, जयदेव जैसे प्रखर क्रांतिकारी यदि आजाद को अपना नेता मानते थे, तो जरूर आजाद में ऐसा कुछ रहा [more…]

Estimated read time 7 min read
संस्कृति-समाज

फिल्म मिसेज : अन्याय पर टिके परिवार की बुनियाद पर चोट

मैं एक फिल्म पर बात करूंगा और फिल्म के बहाने थोड़ी सी बात परिवार पर भी करूँगा I 1987 में एक किताब छपी I किताब [more…]