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पंच-पतियों को आने दो!
ये लो कर लो बात। भगवा भाइयों के राज में भी ऐसा अत्याचार हो रहा है। छत्तीसगढ़ में पारसबाड़ा गांव में बेचारे आधा दर्जन पंच [more…]
हे भागवत जी, कुछ ऐसी भागवत-कथा कहो कि आपका श्रोता सुनते-सुनते सो जाए !
खबर है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा की अगले महीने बंगलूरू में होने वाली बैठक में ‘हिंदू जागरण’ पर चर्चा होगी। यह अत्यंत [more…]
हिंदू त्यौहार और साम्प्रदायिक राष्ट्रवादी राजनीति
संघ परिवार का हिंदू राष्ट्र का एजेंडा तरह-तरह के नैरेटिव्स को अलग-अलग तरह से बुनने और उन्हें अलग-अलग मंचों से प्रस्तुत करने पर आधारित है। [more…]
विशेष विवाह अधिनियम की संवैधानिकता पर सवाल
भारत के लोगों के लिए शादी जीवन का एक अहम भाग है जहां समाज के लोग महिला और पुरुष को शादी के लिए न केवल [more…]
लखनऊ शहर की एक नई कालोनी में RWA चुनाव का अनुभव
हाल ही में लखनऊ शहर की एक नई आबाद होती कालोनी में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA ) का चुनाव सम्पन्न हुआ। इसका अनुभव बड़ा रोचक रहा। [more…]
पर्यावरण बचाने के नाम पर जंगलों को कॉरपोरेट को सौंपने की तैयारी
सारे देश में निजीकरण की आँधी चल रही है, उससे अब जंगल भी अछूते नहीं हैं। अनेक देसी-विदेशी कॉरपोरेट घरानों को जंगलों में पाई जाने [more…]
बदलने थे गांव, बदल रहे हैं नाम
बात 1966 के नवम्बर की है। हिसार जिले के एक गांव में हुक्का गुड़गुड़ाते हुए एक ताऊ बोले कि पंजाब से अलग हो गए ये [more…]
मोदीराज का विवेचन पार्ट-3 : नेहरूकालीन धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की जड़ पर प्रहार
15 अगस्त,’ 47 से लेकर राजीव गांधी के शासन काल (1989) तक नेहरू काल की वैचारिक व शासन विरासत का डंका कम- अधिक बजता रहा [more…]
मोदीराज का विवेचन पार्ट-2: मोदी-शाह की हीनता ग्रन्थि
मोदी-शाह ब्रांड शासन शैली की विशेषता यह भी है कि इसमें सामंती-महाजनी पूंजीवादी शैली की अंतर्धारा बहती रहती है।दोनों नेता राजसत्ता को ‘वैयक्तिक जागीर’ के [more…]
मोदीराज का विवेचन पार्ट-1: निर्वाचित एक तंत्रीय मोदी
“हमें मालूम है कि सभी समाजों, यहां तक कि स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था, में भी समय समय पर अतिवादी जनोत्तेजक नेता जन्म लेते रहते हैं। …….. [more…]