सोमवार को जब केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी पत्रकारों को समझा रहे थे कि जो पुराना संसद भवन है…
जब जलियांवाला बाग बन गया आजादी की लड़ाई का नया लांचिंग पैड
भारत की आजादी के आंदोलन में जिस घटना ने देशवासियों पर सबसे ज्यादा असर डाला, वह है जलियांवाला बाग हत्याकांड।…
स्वाधीनता संग्राम में कहीं नहीं था आरएसएस
हमारे देश के सत्ताधारी दल भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस के स्वाधीनता संग्राम में कोई हिस्सेदारी न करने पर चर्चा…
अंग्रेज भी नहीं कर सके इस तरह का काला कानून बनाने की हिम्मत: अखिलेन्द्र
लखनऊ। गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही कारपोरेट अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मोदी सरकार ने किसान विरोधी…
ज्योतिराव फुले: आधुनिक युग में दलितों-बहुजनों, महिलाओं एवं किसानों के संघर्ष के पहले नायक
तुम कैसे बेशर्म हुए, वश में होकर इन ब्राह्मणों के नित छूने को चरण अरे तुम झुक जाते हो यों…
बेमिसाल थी अशफाकुल्ला और बिस्मिल की दोस्ती, खेल के मैदान से लेकर फांसी के फंदे तक रहा साथ
“कभी तो कामयाबी पर मेरा हिन्दोस्तां होगा। रिहा सैय्याद के हाथों से अपना आशियाँ होगा।।” अंग्रेजी शासन से देश को…
विन्सेंट शीनः जिसने कहा था कि गांधी कभी भी मारे जा सकते हैं
विन्सेंट शीन ऐसे अमेरिकी पत्रकार थे जिन्होंने बहुत साफ शब्दों में कह दिया था कि महात्मा गांधी की कभी भी…
6 दिसम्बर 1992, यानी न्याय का विध्वंस
सरकारों के मुंह पर पुलिस का खून तो लगा ही हुआ था अब अदालतों का खून भी लग गया है।…
भगत सिंह के सपनों का भारत बनाम ‘हिन्दू राष्ट्र’
शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का आज 113वां जन्म दिवस है। आज तो उन्हें याद करना बनता ही है। देश की आज़ादी…
खेती छीन कर किसानों के हाथ में मजीरा पकड़ाने की तैयारी
अफ्रीका में जब ब्रिटिश पूंजीवादी लोग पहुंचे तो देखा कि लोग अपने मवेशियों व जमीन से बहुत प्यार करते हैं।…