19 नवंबर, 2021 इक्कीसवीं सदी के इतिहास में जनता के संघर्षों की विजय का महापर्व बन गया है। भारत के…
किसान आंदोलन ने संसद को आवारा होने से रोक दिया
The Farm Laws Repeal Bill, 2021 के लोकसभा में पास होने के साथ ही कल देश के संसद में इतिहास…
हर ढाई किलोमीटर पर पुलिस छावनी बनाने की बजाय स्कूल और अस्पताल बनाओ : सिलगेर में बादल सरोज
सिलगेर (सुकमा)। साढ़े छह महीने से लोकतंत्र की बहाली और न्याय के इंतज़ार में सिलगेर में डटे आंदोलनकारियों के बीच…
महामारी ने तानाशाही को अतार्किक हथियार दिये: रिपोर्ट
लोकतांत्रिक मूल्यों पर काम करने वाली संस्था इंटरनेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (IDEA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में ऐसे…
कृषि कानून वापसी में छुपी है लोकतंत्र पर नये हमले की आशंका!
किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान और फासीवाद के खिलाफ संघर्षरत प्यारे देशवासियों। आज प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कृषि कानूनों की वापसी…
बेहद दिलचस्प है ‘गूंगी गुड़िया’ से कुशल राजनेता बनने का इंदिरा का सफर
स्वातंत्र्योत्तर भारत के इतिहास में इंदिरा गांधी एक विलक्षण व्यक्तित्व की राजनेता थीं। वे भारत के प्रधानमंत्री के पद पर…
चुनावजीवी बनाम आंदोलकारी किसानः लोकतंत्र के इस नए स्तंभ को पहचानें
आंदोलकारी किसानों ने केंद्र की मजबूत और अधिनायकवादी मोदी सरकार से कृषि के तीन काले कानूनों को वापस कराकर यह…
जयंती पर विशेष: अकेले को सामूहिकता और समूह को साहसिकता देने वाले धूमिल
सुदामा पाण्डेय यानी धूमिल ताउम्र जिन्दा रहने के पीछे मजबूत तर्क तलाशते रहे। कहते रहे ‘तनों अकड़ो अपनी जड़ें पकड़ो,…
जयंती पर विशेष : व्यवस्था के खिलाफ मुक्तिबोध में दबा बम धूमिल में फट पड़ा!
‘क्या आजादी सिर्फ तीन थके हुए रंगों का नाम है, जिन्हें एक पहिया ढोता है या इसका कोई मतलब होता…
विफल मोदी, फिर भी विपक्ष असफल क्यों
यह सतह पर दिखने वाला खुला तथ्य है कि भारत की केंद्रीय सत्ता एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूम रही है,…