Saturday, April 27, 2024

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घर लौटने की जिद्दी धुन

कौन जानता था कि बचपन में खेला गया छुक छुक गाड़ी का खेल एक दिन सचमुच उनकी रेल बनकर उन्हें घर पहुंचाने का सबब बन जाएगा। यदि सुरक्षित घर पहुंचा ही देता तो भी कम से कम खेल खेलने...

लॉकडाउन में जारी मज़दूरों के नरसंहार के ख़िलाफ़ सीपीआई (एमएल) और उसके संगठनों ने मनाया धिक्कार दिवस

पटना। लाॅकडाउन में हो रहे लगातार जनसंहार के लिए बिना प्लान किए लाॅकडाउन और प्रधानमंत्री मोदी की मजदूर विरोधी नीतियों को मुख्य रूप से जिम्मेवार बताते हुए भाकपा-माले, खेग्रामस व ऐक्टू ने आज देशव्यापी शोक व धिक्कार दिवस मनाया।...

आग बड़वाग्नि से बड़ी है आग पेट की

रामकथा को घर-घर पहुंचाने वाले तुलसीदास के भूख और गरीबी के अनुभव का जिक्र वे नहीं करते जिन्हें उनसे राजनीतिक और धार्मिक लाभ लेना है। लेकिन जब भी हम इन पंक्तियों को पढ़ते या सुनते हैं कि `आग बड़वाग्नि...

न कोरोना की टेस्टिंग होगी, न घर लौट पाएंगे मजदूर!

ओडिशा हाईकोर्ट ने कहा है कि बगैर जांच के प्रदेश में किसी को नहीं लाया जाए। इस आदेश के साथ ही प्रवासी मजदूरों के अपने प्रदेश को लौटने का सपना धराशायी हो गया। काश! ऐसा ही आदेश हिन्दुस्तान की...

प्रवासी श्रमिकों के सवालों पर माले का राज्यव्यापी धरना, वर्कर्स फ़्रंट ने मज़दूरों की मौतों के लिए मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त घर पहुंचाने, श्रम कानूनों को यूपी में तीन साल तक स्थगित करने का फैसला वापस लेने व अन्य मांगों के लिए शुक्रवार को राज्यव्यापी धरना दिया। इस मौके...

यह मजदूरों का मार्च है, मज़बूरी का मार्च है !

देश में मजदूरों का लांग मार्च शुरू हो गया है। सुबह खबर आई कि सोलह मजदूर रेल की पटरी पर सोए थे उनके ऊपर से वह रेल निकल गई जो उन्हें घर ले जाने के लिए नहीं मिल पाई...

मजदूरों के रेल भाड़े की सब्सिडी का तिलिस्म

कोरोना संकट ने जिस तरीक़े से सत्ता और समाज के हर हिस्से के पाखंड को बेनकाब किया है, उसकी कोई और मिसाल नहीं दी जा सकती। हालिया मामला श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराये को लेकर मची तू-तू-मैं-मैं का है। जब...

मजदूरों की महायात्रा के अर्थ !

माथे पर बोझ लिए, छोटे-छोटे बच्चों का हाथ थामे या शिशुओं को गोद में उठा कर लगातार भागी जा रही भीड़ ने सब कुछ उघाड़ कर रख दिया है। विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक मानी जाने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के चेहरे का पाउडर धुल चुका है। चिलचिलाती...

डायरी: कोरोना काल की कत्लगाहें

सिर्फ भारत के आंकड़ों पर गौर करते हैं। कोरोना वायरस को विधिवत केंद्रीय हुकूमत ने जब 'महामारी' मानकर लॉक डाउन घोषित किया तो चंद दिनों में बेरोजगारी दर 23 फ़ीसदी आ गई और मजदूर दिवस यानी 1 मई तक...

रेल, बस के बावजूद हज़ारों प्रवासी पैदल नाप रहे हैं अपने घरों की दूरी, मौत और सड़क पर प्रसव बना जीवन का हिस्सा

रायपुर। ट्रेन और बस चलाने के सरकारी दावों के बीच हज़ारों किलोमीटर का सफ़र करते हुए मजदूर अब भी पैदल चलने को विवष हैं। पैदल सफ़र करते हुए अपने परिवार के साथ तेलंगाना से छत्तीसगढ़ आ रही एक गर्भवती...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...