Friday, April 26, 2024

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बांग्ला नववर्ष और जातीय अस्मिता के सवाल पर कुछ विचार

हम अपने जीवन में ही पोयला बैशाख से जुड़ी बंगवासियों की अस्मिता के पहलू के नाना आयामों और उनके क्रमिक क्षरण के साक्षी रहे हैं। हर साल बांग्ला पत्र-पत्रिकाओं में हम इस पर एक प्रकार के विलाप के स्वरों...

उपलब्धियों का एक साल: किसान आंदोलन बना राजनीतिक एजेंडे की धुरी

भारत की जनसंख्या 139 करोड़ है जिसने सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार साढ़े चौदह करोड़ परिवार किसान हैं, लेकिन किसानों के मुद्दे आजादी के 74 वर्ष बाद भी राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा नहीं बने थे ।  26 नवंबर, 2020 से दिल्ली...

शताब्दी वर्ष पर विशेष: इतिहास की कब्र से उठ खड़े हुए चौरी चौरा विद्रोह के नायक

(चौरी चौरा विद्रोह स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास की कुछ सबसे ज्यादा चर्चित घटनाओं में से एक है। इस घटना ने न केवल आजादी की लड़ाई का रुख बदल दिया बल्कि उसके भविष्य का रास्ता भी तैयार करने का काम...

त्रासदियों के लिए याद किया जाएगा बीत रहा साल

बीता साल इतनी निराशा से भरा था कि किसी ने शायद ही उम्मीद की होगी कि वह जाते-जाते लोकतंत्र को जगा कर जाएगा। भारत की हालत यह है कि सरकार की सारी संस्थाएं सत्ताधारी पार्टी की शाखा में तब्दील...

फिर भूख से मर गई झारखण्ड की 5 वर्षीय बेटी

लातेहार जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूर मनिका प्रखण्ड अन्तर्गत डोंकी पंचायत, हेसातु गाँव के एक दलित परिवार की 5 वर्षीया बच्ची निमनी कुमारी की भूख से मौत हो गई है।  इस गाँव में करीब 35 भुईयाँ परिवार रहते...

एसबीआई ने भी दी चेतावनी, कहा-अगले वित्तीय वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर घटकर हो सकती है 4.2 फीसद

नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया यानी एसबीआई ने देश के जीडीपी वृद्धि दर के 4.2 तक गिरने की भविष्यवाणी की है। उसका कहना है कि ऐसा दूसरे तिमाही तक होने...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...