Friday, April 26, 2024

death

कोरोना से इंदौर के डॉ. शत्रुघ्न पंजवानी की मौत

इंदौर के डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी को नमन। कोरोना के संक्रमण ने इनकी जान ले ली। दो दिन पहले पोजिटिव आया था। उसके एक दो दिन पहले डॉ. पंजवानी ने अपना एक वीडियो जारी किया था। बीमारी का सामना कर...

झारखंड में कोरोना वायरस से पहली मौत, सरकार पर उठते सवाल

राँची। झारखंड में कोरोना वायरस से मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। बोकारो के गोमिया प्रखंड के बुजुर्ग मो. याकूब ने 8 अप्रैल को देर रात करीब डेढ़ बजे दम तोड़ दिया। बोकारो सिविल सर्जन डाॅ. अशोक कुमार...

जनता और डॉक्टरों की जान की कौड़ियों बराबर भी कीमत नहीं

नई दिल्ली। इस बात में कोई शक नहीं कि विश्व स्तर पर मानवता के सामने आए इस संकट में सभी को एक दूसरे का साथ देना है। और इस दिशा में कहीं भी किसी भी तरह की पहल का...

पुण्यतिथि पर विशेष: आधुनिक रंग समीक्षा के बेताज बादशाह थे नेमिचंद जैन

नेमिचंद जैन हिन्दी साहित्य में अकेली ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने जिंदगी के मंच पर कवि-साहित्यालोचक-नाट्य आलोचक-अनुवादक-पत्रकार और संपादक जैसे मुख्तलिफ किरदारों को एक साथ बखूबी निभाया। जिस क्षेत्र में भी वे गए, उन्होंने उसे अपना बना लिया। उस पर...

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों का भीषण हमला, 17 जवान शहीद

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का बड़ा हमला हुआ है। सुकमा में हुए नक्सली हमले में 17 जवान शहीद हो गए जबकि 14 घायल हैं। डीआरजी-एसटीएफ के जवानों को पहली बार इतना बड़ा नुकसान हुआ है। सुकमा जिले के कसलपाड़...

घातक नशे के लिए क्यों नहीं है कोरोना जैसी सरकारी सक्रियता?

कोरोना संक्रमण आज महामारी के रूप में आ खड़ा हुआ है। दुनिया भर के देशों की सरकारें इसकी रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। उठाने भी चाहिए। किसी भी सरकार द्वारा नेकनीयती से जनहित में उठाये...

अपने ही जन के खिलाफ़ युद्धरत एक राज्य

उत्तर प्रदेश में राज्य द्वारा असहमति की आवाजों को और मुस्लिम अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली कार्रवाई पर कारवां-ए-मोहब्बत की एक रिपोर्ट कारवां-ए-मोहब्बत की तथ्यों की पड़ताल करने वाली टीम ने 26 दिसंबर 2019 से 14 जनवरी 2020 के बीच...

माले टीम का दौरा: कदम-कदम पर दिखे मौत और तबाहियों के निशान

( भाकपा (माले) की एक टीम ने 4 मार्च को दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाकों का दौरा किया। इसमें पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रभात कुमार और कविता कृष्णन, पार्टी की केंद्रीय कमेटी सदस्य सुचेता डे, अखिल भारतीय किसान...

गुजरात के बालिग होने की निशानी है तलवारों की जगह तमंचा

(दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाकों में जली दुकानें हैं। गोलियों के निशान हैं। मौत का मातम है। घायलों की परेशानियां हैं। पीड़ितों के दर्द हैं। अनाथ बच्चे हैं। जली और टूटी इबादतगाहें हैं। अपने घरों से पलायन कर चुके लोग...

किताब जो बताती है किसी देश में लोकतंत्र के मरने के लक्षण

'How democracies Die' बताती है कि चुने हुए नेता कैसे लोकतंत्र को कुतर-कुतर कर खत्म कर देते हैं। हर देश में उसका एक ही जैसा पैटर्न होता है। दुनिया के अनेक देशों की मिसालें देकर लेखकों ने जो कुछ...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...