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संस्कृति-समाज

स्मृति दिवस: फै़ज़ अहमद फै़ज़ की शख़्सियत

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(तरक़्क़ीपसंद अदीब और जर्नलिस्ट हमीद अख़्तर (जन्म : 12 मार्च 1923, निधन : 17 अक्टूबर 2011), तरक़्क़ीपसंद तहरीक के उरूज के ज़माने से फ़ैज़ अहमद [more…]

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बीच बहस

धीमे-धीमे तेज से तेजतर होते हुए तीव्रतम होती नफरती की आँधी

70 के दशक में तब की जनता सरकार के विदेश मंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी, कहा जाता है कि, प्रोटोकॉल तोड़कर दुनिया के [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिन पर विशेष: फ़ैज की गजलों से कांप उठती थी सत्ता की रूह

मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरी महबूब न माँग मैंने समझा था के तू है तो दरख्शाँ है हयात तेरा ग़म है तो ग़म-ए-दहर का झगड़ा [more…]

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संस्कृति-समाज

फ़ैज़ की पुण्यतिथि पर विशेष: कैद भी नहीं कैद कर सकी जिसके सपनों की उड़ान

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1955 में फ़ैज़ ने, जो 1951 से ही मोंटगोमरी जेल में राजद्रोह की गतिविधियों के आरोप में क़ैद थे, नज़्म आ जाओ अफ्रीका लिखी थी। यह नज़्म [more…]

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बीच बहस

फैज को न इस्लाम पचा सकता है और न हिंदू खारिज कर सकता है!

(पाकिस्तान में कभी जनरल ज़ियाउल हक़ की सैन्य सरकार को उखाड़ फेंकने के आह्वान का प्रतीक बनी मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म `हम [more…]