मैं मुकदमा, पुलिस और हमलों से डरने वाला नहीं हूं, हमेशा सच्चाई के साथ रहूंगा: राहुल गांधी 

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“इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुझ पर कितना हमला किया जाता है, मेरे घर कितनी बार पुलिस भेजी जाती है या मुझ पर कितने मामले लगाए जाते हैं, मैं हमेशा सच्चाई के लिए खड़ा रहता हूं। मैं ऐसा ही हूं”। ये बातें राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड (केरल) में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही।

वे यहीं नहीं रूके, उन्होंने प्रधानमंत्री, आरएसएस, भाजपा पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा, ‘पीएम, आरएसएस और बीजेपी ‘भारत के विचार और संस्थानों पर हमला कर रहे हैं’।

उन्होंने  पीएम मोदी, बीजेपी और आरएसएस के बारे में कहा, “अगर वे खुद को भारत मानते हैं तो वे “भ्रमित”, “आत्ममुग्ध” और “घमंडी” हैं’। उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई यह है कि, ‘प्रधानमंत्री, भाजपा और आरएसएस के मन में बहुत सारे भ्रम हैं। वे खुद को लेकर आत्ममुग्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उन्होंने कहा कि ‘वे अपने आप को पूरा भारत मानते हैं’।

प्रधानमंत्री एक भारतीय व्यक्ति हैं, वह भारत नहीं हैं। वह कितना भी भ्रम में हो या कितना भी अहंकारी क्यों न हो, वह इस देश के सिर्फ एक भारतीय ही हैं। भाजपा और आरएसएस भूल गए हैं कि देश में 1.4 अरब लोग हैं और वे भाजपा, आरएसएस या प्रधानमंत्री नहीं हैं’। 

राहुल गांधी की इन बातों को  संसद के भीतर और बाहर आरएसएस-भाजपा द्वारा उन पर किए जा रहे हमलों से जोड़कर देखा जाना चाहिए। इसका विशेष संदर्भ दिल्ली पुलिस द्वारा उनके खिलाफ केस दर्ज करने और उनके घर पुलिस भेजने से है।

विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा और डीसीपी (नई दिल्ली) प्रणव तायल के नेतृत्व में एक टीम राहुल के आवास पर पहुंची थी। जिसके बाद पार्टी के नेता और समर्थक विरोध में बाहर जमा हो गए।

करीब दो घंटे बाद आखिरकार पुलिस टीम को एंट्री मिली। इसको लेकर काफी हंगामा हुआ था। इस पुलिसिया कार्रवाई को राहुल गांधी को डराने और उन्हें पुलिस केस में फंसाने के रूप में देखा जा रहा है। 

वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं का कहना था कि राहुल पर इस तरह का हमला अडानी के हिंडनबर्ग मामले में मोदी से संसद में पूछे गए राहुल के प्रश्नों से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। 

उनके ऊपर यह केस जनवरी में कश्मीर में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनके द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं का उल्लेख किए जाने के संदर्भ में  हुआ है। 

इससे पहले राहुल गांधी आरएसएस को एक नफरत फैलाने वाला संगठन कह चुके हैं। उन्होंने लंदन में उसकी तुलना इस्लामिक ब्रदरहुड जैसे कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन से की। इससे इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ’21वीं सदी का कौरव’ कहा।

भारत जोड़ो यात्रा के क्रम में हरियाणा और पंजाब के रास्ते पद-यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, “कौरव कौन थे? मैं आपको 21वीं सदी के कौरवों के बारे में बताना चाहता हूं, वो खाकी हाफ़-पैंट पहनते हैं, हाथों में लाठी लेकर चलते हैं और शाखा का आयोजन करते हैं। 

भारत के दो-तीन अरबपति इन कौरवों के साथ खड़े हैं।” इसी पद-यात्रा के दौरान उन्होंने केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम  में आरएसएस-बीजेपी को असली ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’, ‘भय और नफ़रत की सियासत’ करने वाला क़रार दिया था। वे अडानी मुद्दे पर भी भाजपा पर हमलावर हैं।

इस सब के बीच राहुल गांधी अच्छी तरह जानते होंगे आरएसएस-भाजपा उन्हें बख्शने वाले नहीं है। वे किसी भी स्तर पर जाकर बदला लेना चाहेंगे। वायनाड में वे शायद खुद को इस रूप में प्रस्तुत कर रहे थे कि वे हर तरह के हमले और कार्रवाई का सामना करने को तैयार हैं।

( आजाद शेखर जनचौक में सब एडिटर हैं।)

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