Saturday, April 27, 2024

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नीतीश कुमारः दुर्गति सहने की मजबूरी

एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चर्चा में हैं। यह चर्चा पूर्वोतर के सीमांत अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के सात में से छह विधायकों के भाजपा में शामिल होने से शुरू हुई है और दिल्ली तथा पटना...

जहरीले डिबेट कराने वाले टीवी एंकरों को सुप्रीम संदेश

उच्चतम न्यायालय की इलेक्ट्रानिक मीडिया के जहरीले, साम्प्रदायिक, किसी की भी खिल्ली उड़ने और मानहानि कारक प्रसारण तथा हेटस्पीच पर भृकुटी टेढ़ी है। इलेक्ट्रानिक मीडिया में जो आजकल चल रहा है उस पर उच्चतम न्यायालय ने सख़्त रुख अख्तियार किया है। सुरेश...

कानून सवार लव जिहाद बनाम समाज में लव आख्यान

जो वे राजनीति में देखना चाहते हैं, वही कमोबेश कानून व्यवस्था में भी करने वाले हैं। यानी हिन्दू-मुस्लिम! उनका बस चले तो एक समुदाय के अपराधियों पर सामान्य कानून लागू हों जबकि दूसरों पर, उन्हीं अपराधों के लिए, कठोरतम...

गोदी मीडिया का सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी बचाव नहीं कर पा रही मोदी सरकार

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा भाजपा के सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडों को और धार देने के लिए चलाए गए और चलाए जा रहे प्रसारणों की न्यायिक समीक्षा से बचाव का कोई क़ानूनी आधार न होने से उच्चतम न्यायालय में चाहे तबलीगी...

एनबीएसए को नखहीन, दंतहीन संगठन मानता है सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए) को नखहीन और दंतहीन संस्था मानता है। तब्लीगी जमात सदस्यों के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा किए गए  सांप्रदायिक दुष्प्रचार के विरुद्ध चल रही सुनवाई में चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना...

सड़ांध मारती व्यवस्था और नफरती-सांप्रदायिक माहौल में न्याय के योद्धा हैं कुणाल कामरा

क्या कुणाल कामरा ऐसे महानायक बनकर उभरे हैं जो उन तमाम पीड़ितों की नाराजगी का प्रतीक हैं जिन्हें अदालतों से इंसाफ नहीं मिलता। सोशल मीडिया कुणाल कामरा के साथ खड़ा हो गया है। जाने-माने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के...

बिहार के चुनावों में मीडियाः तमाशबीन या खिलाड़ी?

बिहार में एनडीए किसी तरह दोबारा सत्ता में आ गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को मीडिया ऐसी शाबासी दे रहा है, जैसे उन्होंने चुनाव में जीत का कोई रिकार्ड बना लिया हो। बेहिसाब पैसा, टीवी चैनलों को प्रोपैंगडा...

विद्यार्थी की जयंती पर विशेष: उनके लिए गांधी और भगत सिंह में भेद नहीं था

गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्तूबर, 1890 को अपनी नानी गंगा देवी के घर अतरसुइया इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। उनका नाम उनकी नानी ने पहले ही चुन लिया था जब उन्होंने अपनी पुत्री यानी गणेश शंकर की...

हिंदी जगत के 117 लेखकों ने बिहार के मतदाताओं से की सांप्रदायिक ताकतों को धूल चटाने की अपील

(हिंदी जगत के लेखकों, साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने बिहार के चुनाव पर पहल लेकर एक अपील जारी की है। इसमें उन्होंने मतदाताओं से सांप्रदायिक ताकतों को हराने और धर्मनिरपेक्ष शक्तियों की जीत को सुनिश्चित करने की बात कही है।...

जयंती पर विशेष: हसरत मोहानी, वह शख्स जिसने दिया ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा और मांगी मुकम्मल आजादी

जंग-ए-आजादी में सबसे अव्वल ‘इंक़लाब ज़िंदाबाद’ का जोशीला नारा बुलंद करना और हिंदुस्तान की मुकम्मल आज़ादी की मांग, महज ये दो बातें ही मौलाना हसरत मोहानी की बावकार हस्ती को बयां करने के लिए काफी हैं। वरना उनकी शख्सियत...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...