Friday, April 26, 2024

marxism

आइए, दुनिया को बदलें: मार्क्स के अंतिम दैहिक पड़ाव स्थल से..

लंदन। पूंजीवाद ने मार्क्सवाद को दफनाने का ऐलान काफी पहले कर दिया था। मार्क्स का दैहिक अंत हुए करीब एक सौ चालीस वर्ष हो चुके हैं। लेकिन कार्ल मार्क्स की दैहिक विश्राम स्थली पर आज भी यात्री मिल जाएंगे।...

कार्ल मार्क्स: जिसने दुनिया बदलना और समझना सिखाया 

एक अनुमान के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर बाइबिल है। लेकिन जहां तक पढ़े जाने की बात है तो कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो पहले नंबर पर है। क्योकि...

कार्ल मार्क्स: सिर्फ आस्था और अंधश्रद्धा या विज्ञान प्रमाणित प्रासंगिकता 

5 मई 2023 को मार्क्स की 205 वीं सालगिरह है। 1848 में एंगेल्स के साथ मिलकर लिखे उनके कम्युनिस्ट घोषणापत्र को 175 और इन दोनों की कालजयी किताब पूंजी (दास कैपिटल) को आये 156 वर्ष हो गए। क्या यह विचार पुराना...

बेहद प्रासंगिक है वीके सिंह की किताब ‘ह्यूगो चावेज़ और वेनेज़ुएला की बोलीवरी क्रांति’

जहाँ पूंजीवाद अपने संकट के दौर में बर्बर हमले कर रहा होता है वहीं वह अपने विकासमान काल में सामंती और मध्यवर्गीय विश्वासों का ख़ात्मा करके ख़ुद को क्रांतिकारी ढंग से अनेक स्तरों पर विकसित भी करता है। मुनाफ़े...

‘अनहद’ का गांधी विशेषांक: सत्ता के नैतिक विमर्श में गांधी हमेशा बने रहेंगे

गांधी पर ‘अनहद’ का विशालकाय (650 पृष्ठों का) अंक एक सुखद आश्चर्य की तरह आया है; गांधी के हत्यारों के प्रभुत्व-काल में ही गांधी के पुनरोदय के संकेत की तरह के सुखद आश्चर्य की तरह। दरअसल गांधी का व्यक्तित्व अपनी...

पुस्तक समीक्षा: अंबेडकर का मार्क्सवाद के साथ था गहरा रिश्ता

डॉ. बीआर अम्बेडकर का साम्यवाद और मार्क्सवाद से संबंध जटिल था। अम्बेडकर वर्ग पर मार्क्सवादी जोर के आलोचक थे और उनका मानना था कि जाति वर्ग से बिल्कुल अलग उत्पीड़न और शोषण का एक रूप है। दशकों से अम्बेडकरवादियों...

प्रो. तुलसी राम: एक अम्बेडकरवादी कम्युनिस्ट

आज प्रो. तुलसी राम के व्यक्तित्व व वैचारिकी के ढेर सारे प्रशंसक मौजूद हैं, मैं भी उन्हीं में से एक हूँ। प्रो. तुलसी राम से मेरी पहली मुलाकात गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रे़क्षागृह में डॉ. अम्बेडकर के विचारों पर आयोजित...

‘अंडरस्टैंडिंग मार्क्स’-भाग 2: रिवोल्यूशन रोकने के लिए पूंजीवाद पहले रिफॉर्म लाता है, फिर उसे हड़प जाता है

(अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड डी वुल्फ के यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो से दूसरी किस्त। यह वीडियो उन्होंने अपनी किताब `अंडरस्टेंडिंग मार्क्स` के संदर्भ में अपलोड किया है। इसमें उन्होंने मार्क्सवाद को सरल तरीक़े से समझाने की कोशिश की है। इसे हिन्दी में...

अथातो चित्त जिज्ञासा: जॉक लकान के मनोविश्लेषण के सिद्धांतों पर केंद्रित एक विमर्श की प्रस्तावना

अभी की एक गहरी चिंता और अवसाद से भरी विमर्श के गतिरोध की चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में नितांत तात्कालिक प्रसंगों को थोड़ा किनारे रखते हुए हम यहां एक किंचित भिन्न प्रकार के तात्विक क्षेत्र में प्रवेश का प्रस्ताव करना...

अजय सिंह: प्रतिबद्ध जीवन की आत्मीय कविता

नई दिल्ली। वरिष्ठ वामपंथी बुद्धिजीवी, एक्टिविस्ट, पत्रकार व कवि अजय सिंह के जो चाहने वाले पिछले सप्ताह उनके चिकनगुनिया जैसी बीमारी से पीड़ित होने को लेकर चिंतित थे, वे दो दिन पहले सोमवार को उनकी कविताएं सुनने के लिए दिल्ली के गांधी...

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‎केवल सात सेकेंड की शक्ति से झूठ-सच के अदल-बदल का खेल खत्म हो ‎सकता है! 

अब 2024 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर मजबूत सरकार का मुद्दा बहुत मजबूती से उठाया...