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राजनीति

आइए, दुनिया को बदलें: मार्क्स के अंतिम दैहिक पड़ाव स्थल से..

लंदन। पूंजीवाद ने मार्क्सवाद को दफनाने का ऐलान काफी पहले कर दिया था। मार्क्स का दैहिक अंत हुए करीब एक सौ चालीस वर्ष हो चुके [more…]

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राजनीति

कार्ल मार्क्स: जिसने दुनिया बदलना और समझना सिखाया 

[मार्क्सवाद के अंदर बहुत से सिद्धांत हैं, लेकिन अंतिम रूप से उन सबको सिर्फ एक पंक्ति में समेटा जा सकता है- ‘विद्रोह न्यायसंगत है- माओ [more…]

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राजनीति

कार्ल मार्क्स: सिर्फ आस्था और अंधश्रद्धा या विज्ञान प्रमाणित प्रासंगिकता 

5 मई 2023 को मार्क्स की 205 वीं सालगिरह है। 1848 में एंगेल्स के साथ मिलकर लिखे उनके कम्युनिस्ट घोषणापत्र को 175 और इन दोनों की कालजयी [more…]

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संस्कृति-समाज

बेहद प्रासंगिक है वीके सिंह की किताब ‘ह्यूगो चावेज़ और वेनेज़ुएला की बोलीवरी क्रांति’

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जहाँ पूंजीवाद अपने संकट के दौर में बर्बर हमले कर रहा होता है वहीं वह अपने विकासमान काल में सामंती और मध्यवर्गीय विश्वासों का ख़ात्मा [more…]

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बीच बहस

‘अनहद’ का गांधी विशेषांक: सत्ता के नैतिक विमर्श में गांधी हमेशा बने रहेंगे

गांधी पर ‘अनहद’ का विशालकाय (650 पृष्ठों का) अंक एक सुखद आश्चर्य की तरह आया है; गांधी के हत्यारों के प्रभुत्व-काल में ही गांधी के [more…]

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बीच बहस

पुस्तक समीक्षा: अंबेडकर का मार्क्सवाद के साथ था गहरा रिश्ता

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डॉ. बीआर अम्बेडकर का साम्यवाद और मार्क्सवाद से संबंध जटिल था। अम्बेडकर वर्ग पर मार्क्सवादी जोर के आलोचक थे और उनका मानना था कि जाति [more…]

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संस्कृति-समाज

प्रो. तुलसी राम: एक अम्बेडकरवादी कम्युनिस्ट

आज प्रो. तुलसी राम के व्यक्तित्व व वैचारिकी के ढेर सारे प्रशंसक मौजूद हैं, मैं भी उन्हीं में से एक हूँ। प्रो. तुलसी राम से [more…]

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ज़रूरी ख़बर

‘अंडरस्टैंडिंग मार्क्स’-भाग 2: रिवोल्यूशन रोकने के लिए पूंजीवाद पहले रिफॉर्म लाता है, फिर उसे हड़प जाता है

(अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड डी वुल्फ के यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो से दूसरी किस्त। यह वीडियो उन्होंने अपनी किताब `अंडरस्टेंडिंग मार्क्स` के संदर्भ में अपलोड किया है। इसमें [more…]

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बीच बहस

अथातो चित्त जिज्ञासा: जॉक लकान के मनोविश्लेषण के सिद्धांतों पर केंद्रित एक विमर्श की प्रस्तावना

अभी की एक गहरी चिंता और अवसाद से भरी विमर्श के गतिरोध की चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में नितांत तात्कालिक प्रसंगों को थोड़ा किनारे रखते हुए [more…]

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संस्कृति-समाज

अजय सिंह: प्रतिबद्ध जीवन की आत्मीय कविता

नई दिल्ली। वरिष्ठ वामपंथी बुद्धिजीवी, एक्टिविस्ट, पत्रकार व कवि अजय सिंह के जो चाहने वाले पिछले सप्ताह उनके चिकनगुनिया जैसी बीमारी से पीड़ित होने को [more…]