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बीच बहस
अपनी-अपनी गुलामी चुनने की आज़ादी
‘बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे/बोल ज़बाँ अब तक तेरी है/तेरा सुतवाँ जिस्म है तेरा/…जिस्म-ओ-ज़बाँ की मौत से पहले/बोल कि सच ज़िंदा है अब तक/बोल जो कुछ कहने हैं कह ले। फैज़ ने जेल में लिखी थी यह नज़्म।...
ज़रूरी ख़बर
कुशीनगर के जोगिया जनूबी पट्टी में लग गया लोक संस्कृतियों का मेला, उद्घाटन के साथ ही जम गया रंग
फाजिलनगर (देवरिया)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के जोगिया जनूबी पट्टी में 14 अप्रैल की शाम दो दिवसीय लोक रंग महोत्सव की शुरूआत हुई। महोत्सव के प्रथम दिन देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोक कलाकारों की प्रस्तुति में...
संस्कृति-समाज
किताब समीक्षा: प्रगतिशील आंदोलन पर गंभीर चर्चा करने वाली किताब है ‘तरक़्क़ीपसंद तहरीक की रहगुज़र’
Janchowk -
जाने-माने लेखक, समीक्षक और समकालीन समस्याओं पर समान रूप से कलम चलाने वाले पत्रकार जाहिद खान की हाल ही में आई किताब 'तरक़्क़ीपसंद तहरीक की रहगुज़र' प्रगतिशील आंदोलन से जुड़े साहित्यकारों, रंगकर्मियों और कलाकारों के रचनात्मक योगदान, तत्कालीन सामाजिक,...
संस्कृति-समाज
जयंती पर विशेष: प्रेमचंद की परम्परा एक सामूहिक प्रगतिशील परम्परा थी
जिस प्रेमचन्द के निधन पर उनके मुहल्ले के लोगों ने कहा कि कोई मास्टर था जो मर गया, जिस प्रेमचन्द की अत्येंष्टि में दस बारह लोग ही मुश्किल से शामिल हुए थे, वह प्रेमचन्द अपने निधन के 85 साल...
संस्कृति-समाज
डॉ.कमला प्रसाद: प्रगतिशील आंदोलन का अनथक योद्धा
सज्जाद जहीर और भीष्म साहनी के बाद प्रगतिशील लेखक संघ को एक नई दिशा व ऊर्जा देने वाले डॉ. कमला प्रसाद पांडेय समूची साहित्यिक बिरादरी में अद्भुत सांगठनिक क्षमता और नेतृत्वशीलता के लिए जाने-पहचाने जाते थे। अपनी जिन्दगी के...
संस्कृति-समाज
हमारे जिया भाई: इतिहास का एक अहम दौर जिनकी आंखों से होकर गुजरा!
इलाहाबाद के प्रगतिशील राजनीति और साहित्य से जुड़ा हर व्यक्ति जिया भाई को जानता ही जानता है, वे इन दोनों ही क्षेत्रों में शहर के ‘आदिपुरुष’ थे। इस कारण 1997-98 से राजनीति में सक्रियता शुरू होने के साथ ही...
ज़रूरी ख़बर
पुण्यतिथि पर विशेष: बेहद उदात्त शख्सियत के मालिक थे मुंशी प्रेमचंद
प्रेमचन्द के जीवन और व्यक्तित्व के बारे में जो भी तथ्य मिलते हैं उनसे अन्ततोगत्वा इसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है कि वे एस असाधारण साधारण इन्सान थे। शायद उनके व्यक्तित्व की इसी खूबी ने उन्हें आम-फहम नजर...
संस्कृति-समाज
सज्जाद ज़हीर : तरक्की पसंद तहरीक की जिंदा रूह
हिंदुस्तानी अदब में सज्जाद जहीर की शिनाख्त, तरक्की पसंद तहरीक के रूहे रवां के तौर पर है। वे राइटर, जर्नलिस्ट, एडिटर और फ्रीडम फाइटर भी थे। साल 1935 में अपने चंद तरक्कीपसंद दोस्तों के साथ लंदन में प्रगतिशील लेखक...
बीच बहस
पुनरुत्थान की बेला में परसाई को भूल गए प्रगतिशील!
हिन्दी की दुनिया में प्रचलित परिचय के लिहाज से हरिशंकर परसाई सबसे बड़े व्यंग्यकार हैं। इसमें कोई झूठ नहीं है पर सिर्फ़ इतना परिचय उनकी उस भूमिका को नज़रअंदाज़ करने वाली बात है जिसको याद करना आज और ज़्यादा...
ज़रूरी ख़बर
दुआ और पटेल मामला: प्रगतिशील लेखक संघ ने कहा- आजाद आवाजों को दबाने की हरकतों से बाज आए सरकार
अमरीक -
पंजाब/ नई दिल्ली। प्रगतिशील लेखक संघ ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ और आकार पटेल के खिलाफ केस दर्ज करने की सख्त निंदा की है और फौरन यह मामला रद्द करने की मांग रखी...
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मद्रास हाईकोर्ट ने रेत खनन मामले में जिला कलेक्टरों को ईडी के समन पर रोक लगाई, कहा- ‘मछली पकड़ने के अभियान’ पर है ईडी
मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तमिलनाडु में जिला कलेक्टरों को जारी किए गए समन...
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