राहत की स्मृति: ‘वो गर्दन नापता है नाप ले, मगर जालिम से डर जाने का नहीं’
अब ना मैं हूं ना बाक़ी हैं ज़माने मेरेफिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरेकुछ ऐसे ही हालात हैं, शायर राहत इंदौरी के इस [more…]
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कर्ज मुक्ति दिवस के तहत पूरे देश में आज गुरुवार को लाखों महिलाएं सड़कों पर उतरीं। उन्होंने आवाज बुलंद की कि सरकार देश के खजाने [more…]
नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार रेलवे बेच रही है। सरकारी बैंक बेचने को तैयार है। पुलिस विभाग बेच रही है। सड़कें बेच रही है। बस [more…]
एक तिहाई आबादी सदा पाखंड यात्राओं और पाखंड के अड्डों पर भटकती रही। लाख समझाओ मगर बुद्धिहीनों की भीड़ कहां समझने वाली है। हर प्राकृतिक [more…]