Author: बादल सरोज
पुरखों को गोद लेने की चतुराई वंश बेल बताने नहीं, विषबेल फैलाने के लिए है
दुनिया भर में वंश चलाने के लिए वारिस गोद लेने का रिवाज है। जो संतानहीन होते हैं या स्वयं की संतान को जन्मने के झंझट [more…]
तानाशाही के हाईवे पर लोकतंत्र की प्रतिरोध शिला
चारण और भाटों ने कसीदे काढ़े, नयी-नयी उपमा और विशेषण गढ़े, “आसमां पै है खुदा (नहीं नहीं ईश्वर) और जमीं पै ये” मार्का प्रचार के [more…]
अडानी के बंदरगाह पर मार्फीन की जब्ती के आगे पीछे की आशंकायें!
गुजरात के मुंद्रा पोर्ट (बंदरगाह) से 3000 किलो हेरोइन पकड़ी गई है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमत 21 हज़ार करोड़ रुपए है। मुंद्रा पोर्ट को [more…]
संघ को नहीं पता कि ध्वंसों से नहीं, निर्माण से बनता है इतिहास
मध्यप्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों को अब आरएसएस संस्थापक हेडगेवार और जनसंघ के संस्थापक नेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचार पढ़ाए जाएंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री [more…]
आरएसएस-बीजेपी पर साया है ‘अल्ला हू अकबर’ और ‘हर हर महादेव’ के नारे का खौफ!
5 सितम्बर के मुज़फ्फरनगर के इतवार की खासियतें इस बार कारपोरेट गोदी मीडिया के एक हिस्से को भी दर्ज करनी पड़ी। लगभग हरेक ने माना [more…]
….और फिर वे इन्फोसिस के मूर्तिभंजन के लिये आये; नारायण, नारायण
आरएसएस और भाजपा की दीदादिलेरी काबिलेगौर है। वे जितनी फटाफट द्रुत गति से अपने मुखौटे उतार रहे हैं उससे जिन्हें अब भी यह भ्रम था [more…]
जय श्रीराम; अभिवादन को युद्धघोष बनाने के पीछे आखिर क्या है मकसद?
पिछले पखवाड़े न दशहरा था न रामनवमी मगर पूरी हिंदी पट्टी में जय श्रीराम के ललकारों की बहार सी आयी पड़ी थी। कानपुर से इंदौर [more…]
उनके तालिबान तालिबान हमारे वाले संत !
अपने 20 साल के नाजायज और सर्वनाशी कब्जे के दौरान अफ़ग़ानिस्तान से लोकतान्त्रिक संगठनों, आंदोलनों और समझदार व्यक्तियों का पूरी तरह सफाया करने के बाद [more…]
किसान आंदोलन के नौ माह (तीन): भाजपा के छल, छद्म और पाखण्ड को रौंदते हुए आगे बढ़ा आंदोलन
आज नौ महीने पूरे करने वाले किसान आंदोलन ने भाजपा के ब्रह्मास्त्र आईटी सेल और पाले पोसे कारपोरेट मीडिया के जरिये किये जाने वाले दुष्प्रचार और [more…]
किसान आंदोलन के नौ माह (दो): युवाओं की भागीदारी और उसके मायने
26 अगस्त यानि कल किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे हो जाएंगे। इस किसान आंदोलन की ऐतिहासिकता और विशेषताओं के बारे में काफी कुछ लिखा [more…]