Estimated read time 1 min read
राजनीति

हेमंत पटेल हत्याकांड: ‘लाइन हाजिर’ का लॉलीपॉप, ‘एसआईटी’ का सियासी शरबत

वाराणसी में हेमंत पटेल हत्याकांड में सरकार ने लाइन हाजिर का लॉलीपाप थमा दिया और एसआईटी का शरबत पिलाकर समझ लिया कि कुर्मी समाज राजनैतिक [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

राजद्रोह और प्रेस की स्वतंत्रता पर इसका प्रभाव

यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में पहले अखबार के प्रकाशन के साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता को कुचलने का षडयंत्र शुरू हो गया था। [more…]

Estimated read time 1 min read
ज़रूरी ख़बर

कुणाल कामरा ने कहा- सरकारें कलाकारों के खिलाफ व्यवस्थित अभियान चला रही हैं

नई दिल्ली। स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मंगलवार को सरकार की आलोचना करते हुए उस पर असहमति जताने वाले कलाकारों को निशाना बनाने का आरोप [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

अलविदा वीरेंद्र जी……

वीरेंद्र सेंगर वहां चले गये जहां से कोई कभी लौट कर नहीं आता। लेकिन वे लोगों की यादों में, उनके दिलों में उनकी आखिरी सांस [more…]

Estimated read time 1 min read
ज़रूरी ख़बर

जनपक्षधर पत्रकारिता और डिजिटल सेंसरशिप

पत्रकारिता को दिन-ब-दिन मुश्किल बनाया जा रहा है। अख़बारों और टीवी चैनलों की धूर्तता अब किसी से छिपी नहीं है, लेकिन AI टूल्स, गूगल, फेसबुक, [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

‘महाकुंभ’ में डुबकी न लगाने का साहस कर, राहुल गांधी ने वह काम कर दिखाया, जिसकी हिम्मत नेहरू-गांधी भी नहीं जुटा पाए थे 

मानव जाति के इतिहास में दो तरह के नेता हुए हैं, एक तरह के वे जो जनता की पिछड़ी भावनाओं, आस्थाओं, यहां तक कि अंधविश्वासों [more…]

Estimated read time 1 min read
ज़रूरी ख़बर

दोस्त ने किया काम तमाम : मारे गए गुलफाम     

जी हां, इन दिनों देश में उल्टी बयार चल रही है। वासंती और फागुनी मोहक हवाओं की जगह गर्मागर्म हवाओं ने ले ली है। ऐसा [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

लोकतंत्र और प्रेस कॉन्फ़्रेंस  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के दौरान पारंपरिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस बहुत कम करने के लिए जाने जाते हैं। कहा जाता है कि मोदी की संचार [more…]

Estimated read time 1 min read
ज़रूरी ख़बर

‘सून होइगा भैया बहिनी, अमौसा का मेला’ 

0 comments

महाकुंभ आयोजन के पहले दिन से ही मेला भ्रमण कर रहा हूं। करीब दो हफ्तों में सौ किलोमीटर पैदल चल चुका हूं। मेले के आरंभ [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

उदारवादी-दक्षिणपंथी मध्यवर्ग का तो समझ में आता है- खुद को वामपंथी और आंबेडकरवादी कहने वालों को क्या हो गया है? संदर्भ मनमोहन सिंह 

सोशल मीडिया में मनमोहन सिंह की किन शब्दों में और कितना चढ़-बढ़कर तारीफ किया जाए, इसमें उदारवादियों-दक्षिणपंथियों की होड़ तो समझ में आती है, लेकिन [more…]