दिल्ली में ‘कर्फ्यू’ के बीच जी-20 का विश्वोत्सव
आइस क्रीम की तलब, दर्शन हुए भूतहा कनाट प्लेस के! “पापा, आइसक्रीम पार्लर चला जाए। तलब लगी है।” “लेकिन किधर?” “कनाट प्लेस। एक अच्छी ड्राइव [more…]
आइस क्रीम की तलब, दर्शन हुए भूतहा कनाट प्लेस के! “पापा, आइसक्रीम पार्लर चला जाए। तलब लगी है।” “लेकिन किधर?” “कनाट प्लेस। एक अच्छी ड्राइव [more…]
लंदन। पूंजीवाद ने मार्क्सवाद को दफनाने का ऐलान काफी पहले कर दिया था। मार्क्स का दैहिक अंत हुए करीब एक सौ चालीस वर्ष हो चुके [more…]
हमेशा की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रीय संबोधन सुना। विगत संबोधानों से ताजा संबोधन में बीज अंतर यह रहा कि इस [more…]
“Speak up truth to the power”, एक ब्लैक ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहा था। चालीस के आस-पास रहा होगा। बीच-बीच में वह मंडेला, महात्मा गांधी, [more…]
क्या देश में हिंदुत्व नव-राष्ट्रवाद समग्र भारत का ‘स्थायी भाव व चरित्र’ बन चुका है? क्या हिंदी भारत में राजनैतिक हिंदुत्व उफान को शेष देश का भी हिंदुत्व उफान माना जाना चाहिए? [more…]
पिछले नौ सालों से प्रधानमंत्री पद पर विराजमान श्री नरेंद्र मोदी के ताज़ा उवाच ने कार्यपालिका के शीर्षस्थ पद की ही नहीं, भारत यानी इंडिया की परम्परागत गरिमा, समृद्ध [more…]
मैं मयूर विहार से प्रेस क्लब के लिए मेट्रो में सफर कर रहा था। दोपहर का समय था। मेरा सहयात्री तीस-पैंतीस साल का रहा होगा, [more…]
भारत के लोकतंत्र के इतिहास में 18 जुलाई, 23 का दिन ‘विपक्ष की महा एकता और सत्तापक्ष की आत्मरक्षात्मक किलेबंदी’ के रूप में दर्ज़ होगा। एक [more…]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका व फ्रांस समेत दो-दो विदेश यात्राओं के पंचम स्वर में डंकों की पृष्ठभूमि में देश की मुख्यधारा के करीब दो दर्ज़न विपक्षी [more…]
एक स्वस्थ समाज या देश के लिए चार तत्व ज़रूरी हैं: “ बुद्धिमत्ता, साहस, अनुशासन और न्याय”। (प्लेटो:रिपब्लिक ) आज भारतीय समाज, विशेषतः उत्तर भारतीय [more…]