आडंबर, अंधविश्वास और शोषण के बिल्कुल खिलाफ थे शहीद-ए-आजम भगत सिंह
शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने स्वतंत्रता से पूर्व कांग्रेस की पूंजीवादी व सामंतवादी नीतियों के खिलाफ जमकर लिखा था। एक लेख में उन्होंने लिखा था कि [more…]
सीपी-कमेंट्री: इंदिरा गांधी की इंटरनल इमरजेंसी और आरएसएस–भाजपा का लोकतंत्र का स्वांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक रह चुके हम भारत के लोग के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी [more…]
चंडीगढ़ में किसानों पर वॉटर कैनन और लाठीचार्ज, तमाम राज्यों के राजभवन पहुंचे अन्नदाता
किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने और आपातकाल की 46 वीं वर्षगांठ पर आज ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस मनाते हुये चंडीगढ़ राजभवन ज्ञापन देने पहुंचे किसान [more…]
ट्रेन में न जाति न मज़हब!
यह अकेला हिंदुस्तान ही है, जहाँ ट्रेन के सफ़र में हम एक दूसरे के इतना करीब आ जाते हैं, कि संकोच संकोच में ही अगले [more…]
विपक्षी बिखराव की खेती पर बीजेपी उगाती है अपनी सत्ता की फसल
आज के भारत की तुलना एक दशक पहले के भारत से करने पर हैरानी होती है। लोकसभा (2014) में भाजपा के बहुमत हासिल करने से [more…]
खोरी से लेकर अल बूस्तान तक एक जैसी बेबसी
साम्राज्यवादी ताक़तें सिर्फ़ लक्षद्वीप या दिल्ली के पास खोरी में ही नहीं ग़रीबों और मेहनतकशों को उजाड़ने पर आमादा हैं। ऐसी ताक़तें दुनिया के हर [more…]
कामकाजी महिलाओं के लिए कहर बन कर आया कोरोना
कोविड 19 के संक्रमण का असर, विशेषकर दूसरी लहर के दौरान, बड़ी संख्या में मौतों के रूप में हुआ है, और इसका असर कोरोनोत्तर काल [more…]
कश्मीर पर एजेंडाविहीन बैठक का नतीजा सिफ़र
हुर्रियत कांफ्रेंस को कश्मीर पर वार्ता में शामिल किए बिना क्या शांति समाधान संभव है? जब कश्मीर में सबसे बड़ी स्टेक होल्डर सेना है, जिसके [more…]
कश्मीर वार्ता की आड़ में परवान चढ़ेगा संघ का एजेंडा
चौबीस जून को जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हुई बातचीत से अगर सबसे ज़्यादा कोई खुश होगा तो वह हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। उन्हें वह सब कुछ [more…]
दलित लेखन : इतिहास की पुनर्व्याख्या
भारतीय समाज आदिकाल से ही वर्ण व्यवस्था द्वारा नियंत्रित रहा है। ऐसा माना जाता है कि जो वर्ण व्यवस्था प्रारंभ में कर्म पर आधारित थी [more…]