Category: संस्कृति-समाज
कवि केदारनाथ सिंह होने के मायने
वह एक कविता थे, लंबी सी इक तस्वीर थे, खूबसूरत सी वह एक कहानी थे, सुंदर सी एक शिक्षक थे, बेहतरीन से एक इंसान थे, [more…]
हिंदी प्रकाशक चुरा रहे हैं लेखकों की मेहनत की कीमत
हिंदी के अप्रतिम लेखक विनोद कुमार शुक्ल के ऑडियो और वीडियो से उनके प्रकाशकों द्वारा उनका शोषण किये जाने की घटना के रहस्योद्घाटन से हिंदी [more…]
मानव सभ्यता के ‘विकास’ का आईना ‘काली-वार काली-पार’
यह किताब हिमालय में निवास करने वाली राजी जनजाति की परंपरागत जीवन शैली की अंतिम सांसें गिनने और उनकी पहचान के मिटने की कहानी कहती [more…]
जन्मदिन विशेष: साहिर के नग़मों में सियासी और समाजी नज़रिया
साहिर लुधियानवी को अपनी नज़्मों से देश-दुनिया में ख़ूब मक़बूलियत मिली। अवाम का ढेर सारा प्यार मिला। कम समय में इतना सब मिल जाने के [more…]
जीरो माइल पटनाः बदलते शहर में समाज और विकास
शहरों पर किताबें पहले भी लिखी गयी हैं, आज भी लिखी जा रही हैं और आगे भी लिखी जायेंगी। कुछ किताबें शहरों का इतिहास बताती [more…]
रेणु का कथा साहित्य : कस्बाई एवं ग्राम्य जीवन के संघर्षों का सांस्कृतिक महा-आख्यान
स्वातंत्र्योत्तर भारत के निर्विवाद आंचलिक उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु का साहित्य आज़ादी के बाद दम तोड़ते निम्न मध्यवर्गीय कस्बाई जीवन का साहित्य है| रेणु की [more…]
‘जीते जी इलाहाबाद’: जहां जमुना के छलिया जल जैसे सत्य से आँखें दो-चार होती हैं!
दो दिन पहले ही ममता कालिया जी की किताब ‘जीते जी इलाहाबाद’ प्राप्त हुई, और पूरी किताब लगभग एक साँस में पढ़ गया । इलाहाबाद [more…]
‘‘आधी रोटी” का पूरा सच
यह आत्मकथा एक ऐसे दलित व्यक्ति के जीवन-संघर्षों की गाथा है जिसने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित देवरिया जिले के एक छोटे से गांव [more…]
उस्ताद और शागिर्द की खूबसूरत कहानी है लपूझन्ना
लपूझन्ना एक उस्ताद के लिए उसके शागिर्द की तरफ़ से लिखी गई खूबसूरत कहानी है। लेखक अपने बचपन की याद अब तक नही भुला सके [more…]
भंवर मेघवंशी की यात्राएं: सच की तलाश और प्रकृति से साक्षात्कार
‘मैं कारसेवक था’ जैसी कृति से खासतौर पर चर्चित हुए पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी का नया यात्रा-वृत्तांत हैः यात्राएं! इसमें उनके चौदह यात्रा-वृत्त [more…]