किस-किस को कैद करोगे! सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए पीयूसीएल का अभियान
पीयूसीएल और झारखंड जनाधिकार महासभा ने भीमा कारेगांव मामले में जेलों में बंद सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए अभियान छेड़ दिया है। ‘किस-किस को [more…]
जयंतीः राजेंद्र यादव ने साहित्य में दी अस्मिताओं के वजूद को नई पहचान
हिंदी साहित्य को अनेक साहित्यकारों ने अपने लेखन से समृद्ध किया है, लेकिन उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो अपने साहित्यिक लेखन से इतर [more…]
सोशल मीडिया से नहीं चलेगा काम, तोड़नी होगी जमीन
भारतीय राजनीति आज एक संकट से गुजर रही है। संसद से सड़क तक भविष्य को लेकर एक बेचैनी मौजूद है। वामपंथी संसदीय राजनीति हाशिए पर [more…]
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को बताया पाखंडी
‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ भी लगता है मोदी सरकार का जुमला है, वरना दिल्ली हाई कोर्ट को यह नहीं कहना पड़ता कि मोदी [more…]
गांवों से शुरू हो गयी मजदूरों की वापसी, लेकिन काम का टोटा
महामारी के दौरान 3 करोड़ मजदूर गांव की तरफ निकल गये थे। सवाल है कि क्या वे शहर में काम पर लौटेंगे? और उनकी मजदूरी [more…]
कोर्ट चाहिए वर्चुअल, कैबिनेट मीटिंग डिजिटल लेकिन परीक्षा होगी फिजिकल!
इंजीनियरिंग और मेडिकल की देशव्यापी प्रवेश परीक्षा के लिए सरकार ने कमर कस ली है। वहीं तमाम छात्र संगठनों के छात्र और विरोधी राजनीतिक दल [more…]
ढूंढ-ढूंढ कर मंदिर खुलवाने वाले सुप्रीम कोर्ट ने मुहर्रम पर मुंह फेरा
उच्चतम न्यायालय को अचानक यह इल्हाम हुआ कि देश भर में मुहर्रम जुलूस निकालने के लिए सामान्य निर्देश देने से अराजकता पैदा होगी और एक [more…]
अय्यंकाली ने जब बैलगाड़ी से रौंदा सवर्णों का जातीय अहंकार
केरल के पहले दलित विद्रोही अय्यंकाली को याद करते हुए मलयाली कवि पी. जी. बिनॉय लिखते हैं- [more…]
अदालत और पुलिस की बुलंदी के बावजूद संकटग्रस्त है न्याय
यूनानी दार्शनिक अरस्तू ने अपने समय में कहा था, लोकतंत्र तब है जब अमीर लोग नहीं बल्कि ग़रीब लोग शासक होते हैं। जब हाल में [more…]
गौरी लंकेश की बरसी पर होगा ‘हम अगर नहीं उठे तो….’ का आगाज
देश भर में लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर हो रहे लक्षित हमलों के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की तैयारी है। अगले महीने 5 सितंबर को [more…]