Tag: judiciary
ट्वीट पर प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मुकदमा
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में तीसरी बार न्यायालय के अवमानना की कार्रवाई शुरू की गई है। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को [more…]
विशेष लेख: राजनीतिक एजेंडा पूर्ति का उपकरण नहीं है पुलिस
गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने के बाद, पुलिस के राजनीतिकरण और माफियाओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। पुलिस जो [more…]
संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों में नहीं है संविधान रक्षा की ‘रीढ़’!
आज पूरे देश की जनता के मन में यही सवाल है कि क्या न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के साथ मिल कर राग दरबारी गा रही [more…]
क्या राजनीति का अपराधीकरण रोकने की इच्छाशक्ति हमारे नेताओं में है ?
क्या सभी राजनीतिक दल अपराधियों को टिकट न देने और उनसे चुनाव में कोई सहायता न लेने पर संकल्पबद्ध हो सकते हैं ? अगर नहीं [more…]
पतन की पराकाष्ठा पर पहुंच गयी है न्यायपालिका: कपिल सिब्बल
उच्चतम न्यायालय उन मामलों को उठाने में विफल रहा है, जिनकी तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए थी। बंदी प्रत्यक्षीकरण के मामलों में देरी हो रही [more…]
आपातकाल की बरसी पर यूपी में फासीवाद का नंगा नाच
एक जनतांत्रिक देश में न्यायपालिका कानून के शासन को सुनिश्चित करके ताक़तवर राज्य से नागरिक अधिकारों की रक्षा करती है। लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील के [more…]
‘पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है न्यायपालिका’
क्या आप मानते हैं कि सरकार न्यायपालिका पर निरंतर हमले कर रही थी, जिसके परिणामस्वरूप न्यायपालिका का आभासी पतन हो गया है? क्या न्यायपालिका पर [more…]
सड़क पर घिसटता आत्मनिर्भर भारत
हज़ार हज़ार किमी की पैदल कष्टप्रद यात्राओं के चित्र जो देशभर के अखबारों और सोशल मीडिया में छप रहे हैं, यह सारे चित्र उस आत्मनिर्भर, एक [more…]
गोगोई की लाइन पर ही चल रही है अभी भी न्यायपालिका
राज्यसभा में मनोनयन के बाद पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि राष्ट्र निर्माण के लिए किसी न किसी बिंदु पर विधायिका और न्यायपालिका को एक [more…]
वरिष्ठ अधिवक्ताओं के मान, सम्मान और वजूद के लिए ख़तरा बन गया है न्यायपालिका में व्याप्त भाई-भतीजावाद: रवि किरन जैन
इलाहाबाद/प्रयागराज। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि किरण जैन ने एक हाईकोर्ट बार के नाम एक खुला पत्र [more…]